सोशल मीडिया युवाओं को दे रहा यौन समस्याएं: केजीएमयू रिपोर्ट
लखनऊ। किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के मनोरोग विभाग में **यौन समस्याओं से जूझ रहे 90% युवा सोशल मीडिया का अत्यधिक उपयोग कर रहे हैं**। विशेषज्ञों का मानना है कि **अश्लील सामग्री और अधिक रील्स देखने से उनके मानसिक और यौन स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है**।
**कैसे सोशल मीडिया यौन समस्याएं बढ़ा रहा है?**
केजीएमयू के **यौन और वैवाहिक कल्याण क्लीनिक के प्रभारी प्रो. आदर्श त्रिपाठी** के अनुसार, प्रतिदिन ओपीडी में **10-12 युवा यौन समस्याओं की शिकायत लेकर आते हैं**। इनमें से अधिकांश **सोशल मीडिया पर अश्लील वीडियो, रील्स और शॉर्ट्स देखने में बहुत अधिक समय बिताते हैं**।
इससे उनके **मस्तिष्क की प्रतिक्रियाएं प्रभावित होती हैं** और वास्तविक जीवन के रिश्तों में **आकर्षण कम हो जाता है**।
**साइकोजेनिक इरेक्टाइल डिसफंक्शन (ईडी) की समस्या**
प्रो. त्रिपाठी के अनुसार, सोशल मीडिया पर अधिक समय बिताने से **युवाओं के मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ता है**। इससे **साइकोजेनिक इरेक्टाइल डिसफंक्शन (ईडी)** की समस्या बढ़ रही है, जिसमें व्यक्ति मानसिक कारणों से **यौन अक्षमता का अनुभव करता है**।
**युवतियों पर सोशल मीडिया का नकारात्मक प्रभाव**
सोशल मीडिया का असर सिर्फ पुरुषों तक सीमित नहीं है। **युवतियों पर भी इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है**।
- ऑनलाइन मौजूद **संपादित तस्वीरों और वीडियो** से युवतियां **अपनी शारीरिक छवि को लेकर असंतोष** महसूस करने लगती हैं।
- वे **प्रभावशाली लोगों** से तुलना करने लगती हैं, जिससे **आत्म-संदेह और चिंता बढ़ती है**।
- यौन आत्मविश्वास **कम हो जाता है** और मानसिक विकार बढ़ते हैं।
**क्या है समाधान? विशेषज्ञों की राय**
प्रो. त्रिपाठी का कहना है कि **बच्चों और युवाओं के लिए सोशल मीडिया के उपयोग पर नियंत्रण आवश्यक है**। उन्होंने सरकार से **विशिष्ट नीति** बनाने की सिफारिश की, ताकि **अश्लील सामग्री पर अंकुश लगाया जा सके** और युवा **स्वस्थ मानसिक और यौन जीवन जी सकें**।