साल में दो बार होगी सीबीएसई की परीक्षा: छात्रों के लिए नई शिक्षा नीति
शिक्षा प्रणाली में बड़ा बदलाव
भारत में शिक्षा प्रणाली में एक बड़ा बदलाव होने जा रहा है। शैक्षणिक सत्र 2025-26 से केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं को साल में दो बार आयोजित करने का फैसला किया है। यह फैसला छात्रों के तनाव को कम करने और परीक्षा प्रणाली को अधिक प्रभावी बनाने के लिए लिया गया है।
कैसे होगा परीक्षा पैटर्न में बदलाव?
इस नई व्यवस्था के तहत, छात्रों को साल में दो बार बोर्ड परीक्षा देने का अवसर मिलेगा। JEE Mains की तर्ज पर, छात्रों को बेहतर स्कोर वाले प्रयास को चुनने का मौका मिलेगा। इससे छात्रों पर परीक्षा का दबाव कम होगा और वे अपनी तैयारी को अधिक प्रभावी ढंग से कर सकेंगे।
कब से लागू होगी यह प्रणाली?
इस प्रस्ताव को केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के समक्ष प्रस्तुत किया गया है। 24 फरवरी 2025 तक इसे सार्वजनिक सुझावों के लिए जारी किया जाएगा, जिसके बाद अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
इस बदलाव से छात्रों को क्या फायदा होगा?
- छात्रों को दूसरा मौका मिलेगा, जिससे वे अपना स्कोर सुधार सकेंगे।
- तनाव मुक्त परीक्षा प्रणाली विकसित होगी।
- परीक्षा का मूल्यांकन अधिक पारदर्शी और आधुनिक होगा।
- छात्रों को अपने पसंदीदा विषयों में बेहतर प्रदर्शन का अवसर मिलेगा।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
शिक्षाविदों और अभिभावकों का मानना है कि यह बदलाव छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए सकारात्मक कदम है। इस फैसले से छात्रों को अधिक आत्मविश्वास मिलेगा और परीक्षा के दबाव से राहत मिलेगी।
निष्कर्ष
CBSE द्वारा किया गया यह बदलाव भारतीय शिक्षा प्रणाली में एक नई क्रांति ला सकता है। यह फैसला छात्रों की भलाई और उनके उज्ज्वल भविष्य को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। यदि यह प्रणाली सफल होती है, तो भविष्य में अन्य बोर्ड भी इसे अपनाने पर विचार कर सकते हैं।