🌍 दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के झटके: 4.0 तीव्रता का भूकंप, लोगों में मची अफरा-तफरी
नई दिल्ली: सुबह 5 बजकर 36 मिनट पर आए भूकंप के झटकों ने दिल्ली-एनसीआर के लोगों को गहरी नींद से जगा दिया। रिएक्टर स्केल पर 4.0 तीव्रता के इस भूकंप के झटके दिल्ली, एनसीआर, हरियाणा और पश्चिम उत्तर प्रदेश में महसूस किए गए। हल्की गड़गड़ाहट के साथ लोगों ने घरों से बाहर निकलकर खुद को सुरक्षित किया।
📍 भूकंप का केंद्र और गहराई
राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (एनसीएस) के अनुसार, दिल्ली में भूकंप का केंद्र धौला कुआं के पास झील पार्क में महज 5 किलोमीटर की गहराई पर स्थित था। वहीं, बिहार के सिवान जिले में सुबह 8:02 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए, जिनकी तीव्रता 4.0 थी और केंद्र 10 किलोमीटर गहराई में था।
🚨 दिल्ली-एनसीआर में भूकंप का असर
- दिल्ली में कई ऊंची इमारतों के निवासी घबराकर घरों से बाहर निकल आए।
- नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर प्रयागराज के लिए ट्रेन का इंतजार कर रहे यात्रियों ने भी भूकंप के झटके महसूस किए।
- आइजीआइ एयरपोर्ट पर कुछ समय के लिए विमानों का प्रस्थान रोक दिया गया। बाद में 37 विमानों ने उड़ान भरी, जिनमें 17 उड़ानें 10 मिनट की देरी से रवाना हुईं।
- धौला कुआं क्षेत्र में 20 वर्ष पुराना अर्जुन का पेड़ गिर गया, हालांकि किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।
⚠️ पीएम मोदी की अपील
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट कर लोगों से शांत रहने और सुरक्षा सावधानियों का पालन करने की अपील की। उन्होंने संभावित झटकों के प्रति सतर्कता बरतने की सलाह दी।
🔍 भूकंप का वैज्ञानिक विश्लेषण
पटना मौसम विज्ञान केंद्र के विज्ञानियों का कहना है कि सिवान जिले में भूकंप का केंद्र होने का कारण तलाशना होगा, क्योंकि वहां आसपास कोई खदान या ज्वालामुखी नहीं है।
एनसीएस के अनुसार, भूकंप को 30 से अधिक ब्राडबैंड भूकंपीय स्टेशनों ने रिकॉर्ड किया और एनसीएस की वेबसाइट व मोबाइल एप पर 191 रिपोर्टें दर्ज की गईं।
💡 भूकंप से बचने के उपाय:
- भूकंप के झटकों के दौरान घर से बाहर न भागें। किसी मजबूत फर्नीचर के नीचे सिर और गर्दन को ढककर बैठें।
- बाहर हों तो ऊंची इमारतों, पुलों, बिजली के खंभों और पेड़ों से दूर रहें।
- भूकंप के बाद आफ्टरशॉक्स की संभावना रहती है, इसलिए कुछ समय तक अलर्ट रहें।
⚖️ निष्कर्ष: सतर्कता ही सुरक्षा है
इस भूकंप ने यह साबित किया है कि भले ही तीव्रता कम हो, लेकिन सतर्कता और सावधानी बेहद जरूरी है। प्रधानमंत्री की अपील और वैज्ञानिकों की चेतावनी को ध्यान में रखते हुए हमें भूकंप सुरक्षा उपायों का पालन करना चाहिए।
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