📊 ईपीएफओ बनाएगा ब्याज स्थिरीकरण रिजर्व फंड: पीएफ खाताधारकों को मिलेगा स्थिर रिटर्न
नई दिल्ली: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ब्याज स्थिरीकरण रिजर्व फंड बनाने पर विचार कर रहा है। इसका उद्देश्य पीएफ खाताधारकों को बाजार के उतार-चढ़ाव के बावजूद निश्चित ब्याज दर प्रदान करना है। श्रम एवं रोजगार मंत्रालय और ईपीएफओ के अधिकारी इस प्रस्ताव पर आंतरिक अध्ययन कर रहे हैं।
📈 ब्याज स्थिरीकरण रिजर्व फंड की आवश्यकता क्यों?
ईपीएफओ अपने पीएफ फंड का एक हिस्सा एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) और अन्य बाजार आधारित निवेश में लगाता है। लेकिन जब बाजार में उतार-चढ़ाव आता है, तो रिटर्न कम हो जाता है, जिससे पीएफ की ब्याज दरों में कटौती करनी पड़ती है। यह स्थिति खाताधारकों के लिए नुकसानदायक होती है।
💡 कैसे काम करेगा प्रस्तावित फंड?
प्रस्तावित योजना के तहत, हर साल अर्जित ब्याज से अधिशेष को अलग करके एक आरक्षित कोष बनाया जाएगा। इस कोष का उपयोग उस वर्ष किया जाएगा जब निवेश पर रिटर्न कम मिलेगा, ताकि स्थिर ब्याज दर सुनिश्चित की जा सके।
यह योजना बाजार की अस्थिरता से बचाने और स्थिर रिटर्न प्रदान करने में मदद करेगी।
📜 ईपीएफओ ब्याज दरों का इतिहास
- 1952-53 में ईपीएफओ ने 3% ब्याज से शुरुआत की थी।
- 1989-90 में यह दर 12% तक पहुंची, जो 2000-01 तक बरकरार रही।
- बीच के कुछ वर्षों में ब्याज के साथ बोनस भी प्रदान किया गया।
- वर्तमान में ब्याज दर 8.25% है।
📅 ब्याज दरों पर फैसला कब?
वित्तीय वर्ष 2024-25 की ब्याज दरों को लेकर ईपीएफओ केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) की बैठक 28 फरवरी को होगी। इस बार ब्याज दरों में परिवर्तन की संभावना सीमित है, लेकिन मामूली बढ़ोतरी हो सकती है।
🔍 अभी क्या है स्थिति?
फिलहाल यह योजना प्रारंभिक दौर में है और आंतरिक अध्ययन जारी है। सभी बिंदुओं का बारीकी से विश्लेषण करने के बाद रिपोर्ट तैयार की जाएगी। इसके बाद ईपीएफओ बोर्ड अंतिम निर्णय लेगा।
⚖️ निष्कर्ष: खाताधारकों के लिए क्या होगा लाभ?
यदि ब्याज स्थिरीकरण रिजर्व फंड लागू होता है, तो यह पीएफ खाताधारकों को बाजार के उतार-चढ़ाव से बचाते हुए निश्चित ब्याज दर प्रदान करेगा। यह लंबी अवधि के निवेश को सुरक्षित और लाभदायक बनाएग>
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