🚩 महाकुम्भ मेला 2025: पुलिसकर्मियों की सेवा और चुनौतियां
महाकुम्भ नगर: महाकुम्भ मेला में आस्था का जनसैलाब थमने का नाम नहीं ले रहा है। प्रतिदिन औसतन एक करोड़ से अधिक श्रद्धालु पवित्र स्नान करने आ रहे हैं। इस विशाल भीड़ को नियंत्रित करने और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी पुलिसकर्मियों पर है, जिसे वे पूरी निष्ठा के साथ निभा रहे हैं।
💂♂️ पुलिसकर्मियों की अथक सेवा और स्वास्थ्य पर असर
पिछले एक महीने से लगातार ड्यूटी कर रहे पुलिसकर्मियों की सेहत पर इसका विपरीत असर पड़ रहा है। बीपी, शुगर, सर्दी, जुकाम और बुखार जैसी समस्याओं से जूझते हुए भी पुलिसकर्मी दवा के सहारे अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निभा रहे हैं।
🚨 गंभीर बीमारी और आपात स्थिति में ही अवकाश
एसएसपी कुम्भ राजेश द्विवेदी ने बताया कि मेला में सुरक्षा और सुगम आवागमन उनकी पहली प्राथमिकता है। गंभीर बीमारी या आपात स्थिति में ही अवकाश का आवेदन स्वीकार किया जा रहा है, और जांच के बाद ही छुट्टी की अनुमति दी जाती है।
🏥 22 हजार पुलिसकर्मियों ने कराया इलाज
अब तक 22 हजार से अधिक पुलिसकर्मी बीमारियों से जूझते हुए इलाज करवा चुके हैं। अधिकतर को बीपी, शुगर, सर्दी-जुकाम और बुखार की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
📄 छुट्टी के लिए बढ़ते आवेदन
कुम्भ एसएसपी कार्यालय और रिजर्व पुलिस लाइन कार्यालय में प्रतिदिन 40-50 आवेदन आ रहे हैं। पुलिसकर्मी विभिन्न कारणों जैसे बीमारी, पारिवारिक शादी, या माता-पिता के स्वास्थ्य के कारण छुट्टी की मांग कर रहे हैं।
🕊️ कर्तव्य निभाते हुए तीन पुलिसकर्मियों की मौत
ड्यूटी के दौरान स्वास्थ्य बिगड़ने से अब तक तीन पुलिसकर्मियों की मृत्यु हो चुकी है:
- 29 जनवरी: बहराइच के उपनिरीक्षक अंजनी कुमार राय (45 वर्ष)
- 24 जनवरी: बांदा की महिला उपनिरीक्षक सुषमा (58 वर्ष)
- 24 जनवरी: बलरामपुर के हेड कांस्टेबल चंद्रभान यादव (55 वर्ष)
🔴 भीड़ में कमी की उम्मीद नहीं
वसंत पंचमी स्नान पर्व के बाद भी श्रद्धालुओं की भीड़ में कोई कमी नहीं देखी जा रही है, जिससे पुलिसकर्मियों को अवकाश मिलना मुश्किल हो रहा है।
🕉️ निष्कर्ष
महाकुम्भ मेला 2025 में पुलिसकर्मियों की कर्मठता और सेवा भावना काबिल-ए-तारीफ है। कड़ी परिस्थितियों में भी वे अपनी जिम्मेदारियों को निभाते हुए श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित कर रहे हैं।
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