अधिक डाइटिंग से टाइप-2 मधुमेह का खतरा बढ़ा
बर्लिन। इन दिनों फिटनेस के प्रति जागरूक लोग तेजी से इंटरमिटेंट फास्टिंग अपना रहे हैं, लेकिन एक नया शोध बताता है कि अत्यधिक डाइटिंग करने से टाइप-2 मधुमेह का खतरा बढ़ सकता है।
🔬 शोध में क्या पाया गया?
- जर्मनी के म्यूनिख विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने चूहों पर अध्ययन किया।
- अध्ययन में पाया गया कि लंबे समय तक भोजन नहीं करने से शरीर के इंसुलिन उत्पादन में रुकावट आती है।
- इंसुलिन की कमी से टाइप-2 मधुमेह होने की संभावना बढ़ जाती है।
👨⚕️ विशेषज्ञों की राय
अध्ययन के सह-लेखक डा. अलेक्जेंडर बार्टल्ट के अनुसार, उपवास करने वाले युवा चूहों में पैनक्रियाज (अग्नाशय) की इंसुलिन उत्पादन करने वाली कोशिकाएं पूरी तरह विकसित नहीं हो पाईं।
⚖️ उपवास के फायदे और नुकसान
फायदे | नुकसान |
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✔ वजन घटाने में मददगार | ❌ मधुमेह का खतरा |
✔ शरीर को ऊर्जा मिलना | ❌ दिल का दौरा पड़ने की संभावना |
✔ हृदय रोग में लाभदायक | ❌ शरीर में पानी की कमी |
🌟 कौन अपना रहा है इंटरमिटेंट फास्टिंग?
इंटरमिटेंट फास्टिंग बॉलीवुड और हॉलीवुड में भी लोकप्रिय हो रही है। इसे करण जौहर, दिशा पटानी, जेनिफर एनिस्टन, निकोल किडमैन और कैमरून डियाज जैसे सेलेब्रिटी फॉलो कर रहे हैं।
🥗 क्या है इंटरमिटेंट फास्टिंग?
- यह खाने और उपवास का एक पैटर्न है।
- इसमें एक दिन में 16 घंटे तक बिना खाए रहा जाता है।
- खाने का समय सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक होता है।
- हफ्ते में एक दिन भोजन और दूसरे दिन उपवास रखा जाता है।
⚠️ सावधानी बरतें!
अगर आप इंटरमिटेंट फास्टिंग अपना रहे हैं, तो डॉक्टर से सलाह जरूर लें। अत्यधिक डाइटिंग से शरीर को नुकसान हो सकता है, खासकर यदि आपको पहले से कोई स्वास्थ्य समस्या है।