महाकुंभ में भगवान बुद्ध की प्रतिमा बनी श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र
गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम में स्नान के बाद करोड़ों लोग खुद को धन्य समझ रहे हैं। महाकुंभ में आए श्रद्धालुओं को विभिन्न शिविरों में लगी देवी-देवताओं की दिव्य प्रतिमाएं आकर्षित कर रही हैं। इनमें से सबसे ज्यादा ध्यान आकर्षित कर रही है भगवान बुद्ध की गांधार शैली की खड़ी प्रतिमा, जो इन दिनों सोशल मीडिया पर छाई हुई है।
भगवान बुद्ध की गांधार शैली की प्रतिमा
हिमालय बौद्ध संस्कृति संरक्षण सभा और उत्तर प्रदेश संस्कृति विभाग के अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान द्वारा सेक्टर 18 में स्थापित बौद्ध विशेष संगम शिविर के बाहर लगी पीले रंग की भगवान बुद्ध की खड़ी प्रतिमा लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित कर रही है।
भगवान बुद्ध की प्रतिमा बनी सोशल मीडिया का हिट कंटेंट
श्रद्धालु भगवान बुद्ध की प्रतिमा के साथ फोटो और सेल्फी लेकर अपने फेसबुक, एक्स, इंस्टाग्राम और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर साझा कर रहे हैं।
शिविर के संयोजक और दिल्ली विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. चंदन कुमार ने बताया कि गूगल रिपोर्ट के अनुसार 80 लाख से अधिक लोगों ने इस प्रतिमा को सोशल मीडिया पर साझा किया है, जो भगवान बुद्ध के प्रति श्रद्धा और आकर्षण को दर्शाता है।
11 देशों के लामा और भिक्षुओं का आगमन
महाकुंभ के दौरान बौद्ध विशेष संगम शिविर में 11 देशों के बौद्ध लामा और भिक्षु पहुंचे।
- देश: रूस, मंगोलिया, कोरिया, नेपाल, भूटान, बर्मा, वियतनाम्, कंबोडिया, तिब्बत, जापान और श्रीलंका।
- उद्देश्य: बौद्ध धर्म और सनातन धर्म के आपसी संबंध को मजबूत बनाना।
प्रतिमा बनी सेक्टर 18 का लैंडमार्क
यह प्रतिमा सेक्टर 18 में लैंडमार्क बन गई है और श्रद्धालु इसे मिलन स्थल के रूप में उपयोग कर रहे हैं।
पूरे मेले में चार लाख से अधिक लोगों ने शिविर में आकर बौद्ध धर्म और संस्कृति को करीब से जाना-समझा।
निष्कर्ष
महाकुंभ के दौरान सेक्टर 18 के बौद्ध विशेष संगम शिविर में स्थापित भगवान बुद्ध की गांधार शैली की खड़ी प्रतिमा न केवल श्रद्धालुओं को आकर्षित कर रही है, बल्कि सोशल मीडिया पर भी धूम मचा रही है। बौद्ध धर्म और सनातन धर्म के आपसी संबंध को और भी मजबूत बनाने में यह शिविर महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
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