एआरपी भर्ती 2025: गणित और विज्ञान विषय के लिए आवेदन में मुश्किलें




एआरपी भर्ती 2025: गणित और विज्ञान विषय के लिए आवेदन में मुश्किलें

लखनऊ प्रमुख संवाददाता। गणित और विज्ञान विषय के एआरपी (एकेडमिक रिसोर्स पर्सन) पद के लिए आवेदन करना संबंधित विषय के अभ्यर्थियों के लिए कठिन हो रहा है। बेसिक शिक्षा विभाग की नासमझी के कारण प्रदेश के हजारों शिक्षक आवेदन नहीं कर पा रहे हैं।

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समस्या का कारण 🧐

इस बार गणित विषय के एआरपी पद के लिए केवल भौतिक और रसायन के साथ गणित में स्नातक की डिग्री वाले अभ्यर्थियों को ही पात्र माना गया है। इसके कारण:

  • कला विषय के साथ गणित की डिग्री लेने वाले या
  • भूगर्भ शास्त्र और भौतिकी के साथ गणित की डिग्री लेने वाले अभ्यर्थी वंचित हो रहे हैं।

इसी प्रकार विज्ञान के एआरपी के लिए भी भौतिक और रसायन के साथ जीव विज्ञान में डिग्री वालों को ही पात्र माना गया है, जिससे अन्य विज्ञान स्नातक आवेदन नहीं कर पा रहे हैं।

प्रभावित अभ्यर्थी 🎓

  • गणित के शिक्षक जो कला विषय या भूगर्भ शास्त्र के साथ गणित में डिग्री रखते हैं।
  • विज्ञान के शिक्षक जिनके पास भौतिक या रसायन में स्नातक है, परंतु जीव विज्ञान नहीं है।

एआरपी पद पर चयन के लिए नियम और शर्तें 📋

  • वांछित विषय में स्नातक उपाधि के साथ अध्यापक प्रशिक्षण योग्यता हो।
  • सामाजिक अध्ययन के लिए समाजशास्त्र, इतिहास, भूगोल, नागरिक शाख, अर्थशास्त्र, मनोविज्ञान, सांख्यिकी या कृषि विषय में स्नातक।
  • अंग्रेजी के लिए कला संवर्ग में अंतिम वर्ष में अंग्रेजी अनिवार्य हो।
  • हिन्दी के लिए कला संवर्ग के अंतिम वर्ष में हिन्दी विषय अनिवार्य हो।
  • गणित के लिए भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, गणित (पीसीएम संवर्ग) अनिवार्य।
  • विज्ञान के लिए जीव-वनस्पति विज्ञान से स्नातक अनिवार्य।

कितने पद और कहां होगी नियुक्ति 🏫

प्रदेश में प्रत्येक ब्लॉक में पांच एआरपी की नियुक्ति होनी है। ये नए शैक्षिक सत्र से प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्कूलों में अपनी सेवाएं देंगे।

क्या है आगे की राह? 🔍

बहुत से शिक्षक संगठनों ने बेसिक शिक्षा विभाग से पात्रता शर्तों पर पुनर्विचार करने की मांग की है।

निष्कर्ष ✍️

एआरपी भर्ती 2025 में गणित और विज्ञान विषय के लिए पात्रता शर्तों ने हजारों शिक्षकों को आवेदन करने से वंचित कर दिया है। यह बेसिक शिक्षा विभाग के लिए चुनौती और शिक्षकों के लिए संघर्ष का कारण बन रहा है।

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