नया आयकर बिल: आकलन और वित्तीय वर्ष की विदाई, अब ‘टैक्स ईयर’ का उपयोग







नया आयकर बिल: वित्तीय वर्ष की विदाई, अब ‘टैक्स ईयर’

🚀 नया आयकर बिल: आकलन और वित्तीय वर्ष की विदाई, अब ‘टैक्स ईयर’

नई दिल्ली। केंद्र सरकार आयकर कानून को आसान और आधुनिक बनाने की दिशा में एक बड़ा बदलाव करने जा रही है। गुरुवार को लोकसभा में नया आयकर विधेयक पेश किया जाएगा, जिसमें कई दशकों से इस्तेमाल हो रही जटिल शब्दावली को सरल किया जाएगा।

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📢 क्या होगा बड़ा बदलाव?

  • वित्तीय वर्ष और आकलन वर्ष की जगह अब ‘टैक्स ईयर’ (Tax Year) का उपयोग किया जाएगा।
  • 60 साल पुराने कई जटिल शब्दों को हटाया जाएगा, जिससे कर प्रणाली सरल बनेगी।
  • नए नियम 1 अप्रैल 2026 से लागू होंगे, जिससे करदाता को अधिक पारदर्शिता मिलेगी।

📅 ‘टैक्स ईयर’ का क्या होगा अर्थ?

‘टैक्स ईयर’ का अर्थ होगा 1 अप्रैल से अगले साल 31 मार्च तक का समय। यह पहले ‘वित्तीय वर्ष’ और ‘आकलन वर्ष’ के रूप में जाना जाता था, लेकिन अब इसे आसान और स्पष्ट बनाने के लिए नया नाम दिया जा रहा है।

📜 आयकर विधेयक में और क्या होगा खास?

नए विधेयक में 16 चैप्टर होंगे, जिनमें सभी आवश्यक कर प्रावधानों को शामिल किया जाएगा। पुराने कठिन शब्दों को हटाकर नए शब्द जोड़े जाएंगे, ताकि करदाताओं को कर प्रणाली समझने में आसानी हो।

📌 आज वक्फ विधेयक पर भी होगी चर्चा

संसद की संयुक्त समिति (जेपीसी) की रिपोर्ट भी आज लोकसभा में पेश की जाएगी। समिति ने अपनी रिपोर्ट 30 जनवरी को लोकसभा अध्यक्ष को सौंपी थी। इस पर सुधार और बहस की संभावना है।

🔎 निष्कर्ष

आयकर प्रणाली को सरल और पारदर्शी बनाने के लिए यह विधेयक एक ऐतिहासिक कदम हो सकता है। ‘वित्तीय वर्ष’ और ‘आकलन वर्ष’ जैसे पुराने शब्दों को बदलकर ‘टैक्स ईयर’ अपनाना एक बड़ा बदलाव होगा, जिससे करदाताओं को फायदा होगा।

स्रोत: संसद में पेश होने वाले विधेयक का मसौदा।


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