आयकर चोरी पर AI की नजर: गलत छूट के दावों की पहचान
नई दिल्ली, विशेष संवाददाता।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से आयकर चोरी पर सख्ती
आयकर विभाग ने एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) की मदद से कर चोरी के मामलों को पकड़ने की प्रक्रिया तेज कर दी है। बीते कुछ वर्षों में आयकर छूट का गलत दावा करने वालों की संख्या बढ़ी है, जिसे AI अब ट्रैक कर रहा है। विभाग अभी बेसिक AI मॉडल का उपयोग कर रहा है, लेकिन जल्द ही एडवांस AI मॉडल को लागू करने की योजना है।
कैसे पकड़ में आ रही हैं कर चोरी की गड़बड़ियां?
आयकर विभाग के अधिकारी बताते हैं कि AI मुख्य रूप से गलत आयकर छूट के दावों को पकड़ने में मदद कर रहा है। उदाहरण के लिए:
- कोई व्यक्ति हर महीने 15,000 रुपये का किराया दिखाकर छूट का दावा करता है, लेकिन जिस व्यक्ति को किराया दिया गया, उसने अपनी आमदनी में यह राशि नहीं जोड़ी। AI पैन कार्ड नंबर से जानकारी मिलाकर गड़बड़ी पकड़ता है।
- स्कूल फीस से जुड़े छूट दावों की भी जांच हो रही है। करदाताओं द्वारा गलत आंकड़े पेश करने के कई मामले सामने आए हैं।
नए आयकर कानून में क्या होगा बदलाव?
भारत सरकार नया आयकर कानून लागू करने जा रही है, जो 1 अप्रैल 2026 से प्रभावी होगा। इसमें कई बड़े बदलाव किए जा रहे हैं:
- वित्तीय वर्ष और मूल्यांकन वर्ष की जगह टैक्स वर्ष की अवधारणा लाई जाएगी, जिससे करदाताओं को समझने में आसानी होगी।
- नए कानून में 536 धाराएं, 16 अनुसूचियां और 23 अध्याय होंगे, जबकि मौजूदा कानून में 880 पृष्ठ और 298 धाराएं हैं।
- छूट के नियमों को अलग-अलग धाराओं में बांटा जाएगा, जिससे टैक्स फाइलिंग सरल होगी।
किन मामलों को पकड़ रहा है AI?
AI निम्नलिखित गड़बड़ियों को पकड़ने में सक्षम है:
- किसी पैन कार्ड नंबर पर अचानक से बड़े लेनदेन होना।
- बैंक खातों में अचानक से बड़ा कैश जमा होना या बड़ी संपत्ति की खरीद।
- बैंक खाते से प्रॉपर्टी खरीदते वक्त अधिक भुगतान करना, लेकिन रिटर्न में कम राशि दिखाना।
- रिटर्न फाइल करते समय स्वास्थ्य व जीवन बीमा की झूठी रसीदें लगाना।
- किराए से जुड़ी आय को सही तरीके से डिक्लेयर नहीं करना।
आम करदाताओं को क्या सावधानी बरतनी चाहिए?
AI की निगरानी को देखते हुए करदाताओं को निम्नलिखित सावधानियां बरतनी चाहिए:
- रिटर्न में सही आय और कर छूट का दावा करें।
- अगर किराए पर रह रहे हैं, तो उसका सही उल्लेख करें और मकान मालिक की पैन डिटेल को मिलाएं।
- बैंक स्टेटमेंट और आय विवरण में पारदर्शिता रखें।
- गलत दस्तावेज या झूठी रसीदें लगाकर कर छूट का दावा करने से बचें।
- कर अधिकारियों के नोटिस का सही तरीके से जवाब दें और कर नियमों का पालन करें।