अंतर्जनपदीय पारस्परिक स्थानांतरण 2023-24: न्यायालय का बड़ा निर्णय
लखनऊ, 2024: अंतर्जनपदीय पारस्परिक स्थानांतरण 2023-24 से जुड़ी याचिका संख्या 5146/2024 की निर्णायक सुनवाई इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ में आज संपन्न हुई। इस मामले में माननीय न्यायमूर्ति अब्दुल मोईन ने महत्वपूर्ण टिप्पणी करते हुए बड़ा निर्णय सुनाया।
न्यायालय की महत्वपूर्ण टिप्पणी
माननीय न्यायालय ने स्पष्ट रूप से कहा कि जब शासनादेश जिला से जिला के लिए जारी किया गया था, तो कार्यमुक्ति स्कूल से स्कूल के आधार पर करना गलत है। इसे न्यायालय ने रद्द करने का निर्णय लिया।
सरकारी वकील की दलील और न्यायालय की प्रतिक्रिया
इस फैसले पर सरकारी वकील ने तर्क दिया कि यह गलती टाइपिंग मिस्टेक थी, जिससे अंतर्जनपदीय स्थानांतरण में भ्रम की स्थिति उत्पन्न हुई। उन्होंने कहा कि शासनादेश में जिला से जिला की कार्यमुक्ति का उल्लेख गलती से हो गया था।
इसपर माननीय न्यायमूर्ति अब्दुल मोईन ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा,
“यदि एडिशनल चीफ सेक्रेटरी दीपक कुमार ने इतनी बड़ी टाइपिंग मिस्टेक की है, तो हम उन्हें सेवा से बर्खास्त करेंगे।”
सरकारी वकील ने तुरंत अपने बयान को वापस लेते हुए विनती की कि चूंकि इस प्रक्रिया को एक वर्ष हो चुका है, अतः केवल याचियों से ही स्कूल का विकल्प लिया जाए।
न्यायालय का ऐतिहासिक निर्णय
माननीय न्यायालय ने अंततः याचियों के पक्ष में निर्णय सुनाते हुए बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव द्वारा किया गया स्कूल से स्कूल स्थानांतरण रद्द करने का फैसला लिया।
आगे की प्रक्रिया
- अगले दो सप्ताह में रिक्तियों का विवरण उपलब्ध कराया जाएगा।
- याचियों से उनके स्कूल का विकल्प लिया जाएगा।
- माननीय न्यायालय याचिका का निस्तारण करेगा।
याचियों की जीत लगभग सुनिश्चित!
यह निर्णय अंतर्जनपदीय पारस्परिक स्थानांतरण के लिए महत्वपूर्ण मिसाल बन सकता है। माननीय न्यायालय ने यह संकेत दिया है कि याचियों को न्याय मिलने की पूरी संभावना है।
इस फैसले से उन शिक्षकों को राहत मिलेगी जो इस प्रक्रिया में पिछले एक वर्ष से परेशान थे।
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