प्रतापगढ़: शिक्षा विभाग का सघन औचक निरीक्षण, 71 कर्मचारी निलंबित

प्रतापगढ़: शिक्षा विभाग का सघन औचक निरीक्षण, 71 कर्मचारी निलंबित

प्रतापगढ़: जिले में बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से सघन औचक निरीक्षण अभियान चलाया गया। इस दौरान कई विद्यालयों में शिक्षकों व कर्मचारियों की अनुशासनहीनता सामने आई, जिसके चलते बड़ी कार्रवाई की गई।

👉 निरीक्षण में बड़ी संख्या में कर्मचारी मिले अनुपस्थित

जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी भूपेंद्र सिंह के निर्देशन में 16 खंड शिक्षा अधिकारियों एवं 04 जिला समन्वयकों के माध्यम से विकासखंड-सदर के विभिन्न विद्यालयों का निरीक्षण कराया गया। इस जांच में कुल 71 शिक्षक एवं कर्मचारी बिना किसी सूचना के अनुपस्थित पाए गए। इनमें शामिल हैं:

WhatsApp Channel Join Now
WhatsApp Group Join Now
Telegram Channel Join Now
  • 09 प्रधानाध्यापक
  • 30 सहायक अध्यापक
  • 24 शिक्षामित्र
  • 06 अनुदेशक
  • 02 अनुचर

🚪 विद्यालयों पर ताले, शिक्षक नदारद

निरीक्षण के दौरान कुछ विद्यालय समय पर नहीं खुले, जिससे बच्चों की पढ़ाई बाधित हुई।

  • प्राथमिक विद्यालय बराछा सुबह 09:08 बजे तक बंद पाया गया।
  • प्राथमिक विद्यालय भुलियापुर सुबह 09:09 बजे तक बंद मिला।

⚡ अनुपस्थित शिक्षकों पर बड़ी कार्रवाई

इन स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों एवं कर्मचारियों पर तत्काल प्रभाव से सख्त कार्रवाई की गई।

⛔ वेतन व मानदेय रोका गया:

अनुपस्थित पाए गए सभी 71 कर्मचारियों के वेतन/मानदेय पर अगले आदेश तक रोक लगा दी गई है। साथ ही, उन्हें एक सप्ताह के अंदर स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है।

❌ सेवा समाप्ति की कार्यवाही:

कुछ शिक्षक लगातार लंबे समय से गैरहाजिर थे, जिन पर सेवा समाप्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

  • श्रीमती शशिकला पाण्डेय, शिक्षामित्र, प्राथमिक विद्यालय सगरा
  • श्रीमती अनामिका सिंह, शिक्षामित्र, प्राथमिक विद्यालय राजापुर औवार

📢 निरीक्षण अभियान रहेगा जारी

जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी भूपेंद्र सिंह ने स्पष्ट किया कि इस तरह के सघन निरीक्षण अभियान निरंतर जारी रहेंगे। स्कूलों में अनुशासन व उपस्थिति को लेकर किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

📌 निष्कर्ष

यह कार्रवाई शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाने के लिए बेहद महत्वपूर्ण कदम है। इससे यह स्पष्ट होता है कि स्कूलों में शिक्षक समय से उपस्थित रहें और बच्चों की पढ़ाई बाधित न हो।

शिक्षा विभाग द्वारा इस तरह की सख्ती आगे भी जारी रहेगी ताकि सरकारी विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता को सुनिश्चित किया जा सके।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top