🚴♂️ सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी: ‘लोगों को पीने का पानी नहीं, आप साइकिल ट्रैक के सपने देख रहे’
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने देश में **बुनियादी सुविधाओं** की कमी को देखते हुए **साइकिल ट्रैक बनाने की मांग वाली याचिका** को खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि जब **लोगों के पास पीने के लिए साफ पानी** नहीं है, तो **साइकिल ट्रैक** जैसी चीजों पर ध्यान देना **वास्तविक समस्याओं से मुंह मोड़ने** जैसा है।
💡 बुनियादी सुविधाओं की प्राथमिकता
याचिका में पूरे देश में **साइकिल ट्रैक और फुटपाथ** बनाए जाने की मांग की गई थी। लेकिन **न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया** की पीठ ने कहा कि सरकार को सबसे पहले **शुद्ध पेयजल, स्वच्छता और सड़क जैसे बुनियादी मुद्दों** को हल करना चाहिए।
🏛️ सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी
कोर्ट ने कहा कि, “हम पहले ही बुनियादी सुविधाओं की कमी से जूझ रहे हैं। जब तक नागरिकों के पास पीने का पानी, उचित स्वास्थ्य सुविधाएं और स्वच्छ वातावरण नहीं होगा, तब तक ऐसी परियोजनाएं व्यर्थ हैं।”
🚶♂️ फुटपाथ और साइकिल ट्रैक की जरूरत
हालांकि, कोर्ट ने यह भी कहा कि **फुटपाथ और साइकिल ट्रैक का विचार अच्छा है**, लेकिन इसे **स्थानीय आवश्यकताओं के अनुसार लागू किया जाना चाहिए**। कुछ शहरों में **यातायात की स्थिति** ऐसी नहीं है कि वहां साइकिल ट्रैक बनाए जा सकें।
📌 क्या कहती है सरकार?
केंद्र सरकार ने **अटल मिशन योजना** के तहत **शहरी क्षेत्रों में बुनियादी ढांचा सुधारने** के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। इसमें **पीने के पानी, सीवेज सिस्टम और शहरी परिवहन** जैसे मुद्दों को प्राथमिकता दी गई है।
**सुप्रीम कोर्ट** का यह फैसला **बुनियादी जरूरतों को प्राथमिकता देने** के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश देता है।