5 साल में पहली बार रेपो दर में कटौती, कर्ज हुआ सस्ता
नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 0.25% की कटौती कर रेपो दर को 6.50% से घटाकर 6.25% कर दिया है। यह कटौती लगभग 5 वर्षों में पहली बार हुई है, जिससे आम लोगों को कर्ज पर बड़ी राहत मिलेगी।
क्यों की गई रेपो दर में कटौती?
- मौजूदा आर्थिक परिस्थितियों और महंगाई में गिरावट को देखते हुए RBI ने यह निर्णय लिया।
- इससे होम, ऑटो और पर्सनल लोन की ईएमआई कम होगी।
- रेपो दर में यह बदलाव अर्थव्यवस्था को गति देने में सहायक होगा।
ब्याज दर घटने से कितनी होगी बचत?
लोन प्रकार | लोन राशि | मौजूदा दर (%) | नई दर (%) | ईएमआई बचत (₹) | कुल ब्याज बचत (₹) |
---|---|---|---|---|---|
होम लोन | 50 लाख | 9.00% | 8.75% | 800 | 1,92,182 |
ऑटो लोन | 15 लाख | 9.25% | 9.00% | 190 | 16,022 |
पर्सनल लोन | 5 लाख | 11.50% | 11.25% | 62 | 3,759 |
रेपो दर कटौती का असर
RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा, “भारत निश्चित रूप से 7%+ की आर्थिक वृद्धि दर हासिल कर सकता है। आयकर में राहत और कर्ज की लागत में कमी से देश में खपत बढ़ेगी और अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।”
आगे और घट सकती है रेपो दर
विशेषज्ञों के अनुसार, बैंक ऑफ बड़ौदा का अनुमान है कि 2025 तक रेपो दर में 0.75% की और कटौती हो सकती है। दिसंबर तक 0.50% की अतिरिक्त कमी संभव है।
अगली बैठक कब?
RBI की अगली मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक 7-9 अप्रैल को होगी, जिसमें भविष्य की नीतियों पर निर्णय लिया जाएगा।
निष्कर्ष
रेपो दर में कटौती से ब्याज दरें कम होंगी, जिससे होम, ऑटो और पर्सनल लोन सस्ते होंगे। इससे न केवल आम जनता को राहत मिलेगी, बल्कि अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।