हाईकोर्ट की बीएसए पर कड़ी टिप्पणी, मंदिरों के पास नॉनवेज होटल बंद करने का फैसला बरकरार
अमर उजाला ब्यूरो, प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा अधिकारियों (BSA) की कार्यप्रणाली पर कड़ी नाराजगी जताई है। न्यायालय ने कहा कि बीएसए विवेक का प्रयोग किए बिना कॉपी मशीन की तरह आदेश पारित कर रहे हैं, जिससे बार-बार न्यायालय में मामले आ रहे हैं। कोर्ट ने इस मामले में प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा से व्यक्तिगत हलफनामा मांगा है।
झांसी की शिक्षक जागृति पाठक का मामला
कोर्ट ने झांसी के बीएसए द्वारा 21 दिसंबर 2024 को जारी आदेश पर रोक लगा दी है। यह आदेश शिक्षक जागृति पाठक की याचिका पर न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया ने दिया।
याची झांसी में शिक्षक के रूप में कार्यरत थी। बीएसए ने 16 अगस्त 2024 को उन्हें निलंबित कर दिया। जांच पूरी होने के बाद बकाया वेतन सहित बहाल कर दिया गया। लेकिन, बाद में उनका स्थानांतरण कर दिया गया, जिसे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई।
कोर्ट ने शिक्षा अधिकारियों की कार्यशैली पर उठाए सवाल
न्यायालय ने टिप्पणी की कि बिना निर्धारित प्रक्रिया का पालन किए शिक्षक पर वृहद दंड लगाया गया और बिना कारण बताए स्थानांतरण कर दिया गया। कोर्ट ने कहा कि यह एक सामान्य प्रवृत्ति बन चुकी है कि पहले शिक्षकों को निलंबित किया जाता है, फिर बहाल किया जाता है और उसके बाद बिना उचित कारण जुर्माना लगाकर स्थानांतरण कर दिया जाता है।
प्रमुख सचिव से मांगी गई सफाई
न्यायालय ने प्रमुख सचिव, बेसिक शिक्षा, उत्तर प्रदेश से व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है कि आखिर ऐसे विवेकहीन आदेश बार-बार क्यों पारित किए जा रहे हैं।
मंदिरों के पास नॉनवेज होटल संचालन की अनुमति खारिज
संवाद न्यूज एजेंसी, थानाभवन (शामली): इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मंदिरों के पास नॉनवेज होटल चलाने के खिलाफ दिए गए फैसले को बरकरार रखा है। होटल संचालकों की याचिका को अदालत ने खारिज कर दिया।
क्या है मामला?
थानाभवन कस्बे में आश्रम पंच तीर्थी, संत रविदास मंदिर और अन्य धार्मिक स्थलों के पास कई नॉनवेज होटल संचालित किए जा रहे थे। स्थानीय लोगों की आपत्ति और हंगामे के बाद नगर पंचायत ने इन होटल्स को बंद करवा दिया और खाद्य विभाग ने उनके लाइसेंस निरस्त कर दिए।
होटल संचालक राव फैसल ने 7 अक्तूबर को हाईकोर्ट में वाद दायर कर नगर पंचायत और खाद्य विभाग पर गलत तरीके से होटल बंद कराने का आरोप लगाया और होटल संचालन की अनुमति मांगी।
हाईकोर्ट का फैसला
हाईकोर्ट ने नगर पंचायत और खाद्य विभाग के आदेश को सही मानते हुए होटल संचालकों की याचिका खारिज कर दी। इसके साथ ही स्पष्ट किया कि मंदिरों और धार्मिक स्थलों के पास इस प्रकार के व्यावसायिक प्रतिष्ठान संचालित करने की अनुमति नहीं दी जा सकती।
नगर पंचायत का बयान
नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी जितेंद्र राणा ने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश के तहत पहले ही मंदिरों के पास स्थित नॉनवेज होटल्स को बंद कर दिया गया था। अब यह फैसला स्थायी रूप से लागू रहेगा।
निष्कर्ष
हाईकोर्ट के इन दोनों फैसलों ने शिक्षा और धार्मिक स्थलों की गरिमा को बनाए रखने के लिए एक सख्त संदेश दिया है। बीएसए के विवेकहीन आदेशों पर सवाल उठाकर शिक्षा विभाग को जवाबदेही के लिए मजबूर किया गया है, वहीं धार्मिक स्थलों की पवित्रता बनाए रखने के लिए नॉनवेज होटल्स के संचालन पर रोक को सही ठहराया गया है।