आरटीई के तहत दो चरणों में चयनित बच्चों का निशुल्क प्रवेश इसी माह
लखनऊ। शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत दो चरणों में चयनित बच्चों को निजी स्कूलों में इसी माह निशुल्क प्रवेश दिलाया जाएगा। बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) ने स्कूल प्रबंधकों को इस संबंध में पत्र भेज दिया है। यदि कोई निजी स्कूल इन बच्चों को प्रवेश देने से इंकार करता है, तो आरटीई अधिनियम का उल्लंघन मानते हुए कार्रवाई की जाएगी।
आरटीई के तहत प्रवेश प्रक्रिया
नए शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए आरटीई के तहत दो चरणों में आवेदन प्रक्रिया पूरी की गई:
- पहला चरण: 1 से 19 दिसंबर
- दूसरा चरण: 1 से 19 जनवरी
इन चरणों के बाद 13,169 बच्चों का चयन कर उन्हें विभिन्न निजी स्कूलों में सीटें आवंटित कर दी गई हैं।
स्कूलों को सख्त निर्देश
बीएसए ने स्कूल प्रबंधकों को पत्र भेजकर निर्देश दिया है कि चयनित बच्चों को तुरंत प्रवेश दिया जाए। यदि कोई स्कूल नियमों का उल्लंघन करता है और प्रवेश देने से इंकार करता है, तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी। सभी प्रवेश प्रक्रियाएं 28 फरवरी तक पूरी करनी होंगी।
तीन दिनों में देनी होगी सूचना
स्कूल प्रबंधकों को निर्देश दिया गया है कि चयनित बच्चों के प्रवेश के बाद तीन दिनों के भीतर इसकी सूचना बीएसए कार्यालय में दी जाए। यदि कोई अभिभावक ऑनलाइन आवंटित प्रपत्र लेकर स्कूल में संपर्क करता है, तो स्कूल को तत्काल सूची से मिलान कर बिना किसी देरी के प्रवेश देना होगा।
ये दस्तावेज देने के लिए अभिभावक बाध्य नहीं
आरटीई नियमों के तहत बच्चों के प्रवेश के लिए निम्नलिखित दस्तावेजों की अनिवार्यता नहीं होगी:
- जन्म प्रमाण पत्र
- निवास प्रमाण पत्र
- आय/जाति प्रमाण पत्र
यदि किसी अभिभावक को अनावश्यक कागजी कार्यवाही के लिए परेशान किया जाता है, तो इसे आरटीई का उल्लंघन मानते हुए संबंधित स्कूल पर कार्रवाई की जाएगी।
आरटीई नियमों का पालन जरूरी
आरटीई अधिनियम के अनुसार, हर निजी स्कूल को अपनी कुल सीटों में से 25 प्रतिशत सीटें गरीब एवं वंचित वर्ग के बच्चों के लिए आरक्षित करनी होती हैं। इसलिए किसी भी स्कूल को चयनित बच्चों के प्रवेश से इंकार करने का अधिकार नहीं है।
बीएसए की चेतावनी
बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) राम प्रवेश ने स्पष्ट किया है कि यदि कोई स्कूल आरटीई के तहत चयनित बच्चों का प्रवेश लेने से इंकार करता है, तो उस विद्यालय प्रबंधन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सभी प्रवेश 28 फरवरी तक पूरे करने होंगे।
निष्कर्ष
आरटीई के तहत 13,169 बच्चों को निजी स्कूलों में निशुल्क शिक्षा का अधिकार मिला है। यह पहल सभी बच्चों को समान शिक्षा के अवसर उपलब्ध कराने की दिशा में एक बड़ा कदम है। सरकार और प्रशासन की जिम्मेदारी है कि इस योजना को सफलतापूर्वक लागू किया जाए और सभी चयनित बच्चों को समय पर प्रवेश मिले।