नई शिक्षा नीति के खिलाफ डीएमके के आंदोलन को मिला अखिलेश यादव का समर्थन
लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने केंद्र सरकार की नई शिक्षा नीति (NEP) का विरोध करते हुए डीएमके छात्र इकाई के आंदोलन को समर्थन दिया है। गुरुवार को नई दिल्ली के जंतर-मंतर पर आयोजित विरोध प्रदर्शन में शामिल होते हुए उन्होंने नई शिक्षा नीति को उद्योगपतियों के हित में बताया और कहा कि यह नीति शिक्षा प्रणाली को निजी हाथों में सौंपने की साजिश है।
सपा ने किया डीएमके के आंदोलन का समर्थन
अखिलेश यादव ने विरोध प्रदर्शन के दौरान कहा कि समाजवादी पार्टी डीएमके छात्र इकाई के साथ खड़ी है और नई शिक्षा नीति का हर स्तर पर विरोध करेगी। उन्होंने इस नीति को छात्रों के भविष्य के लिए खतरनाक बताया और कहा कि इससे शिक्षा प्रणाली पर उद्योगपतियों का कब्जा हो जाएगा।
अखिलेश यादव ने केंद्र सरकार पर साधा निशाना
अखिलेश यादव ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि नई शिक्षा नीति का उद्देश्य केवल राजनीति और पूंजीवाद को बढ़ावा देना है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस नीति के जरिए भाजपा सरकार शिक्षा क्षेत्र को निजी कंपनियों के हवाले कर रही है, जिससे गरीब और मध्यम वर्ग के छात्रों के लिए उच्च शिक्षा प्राप्त करना कठिन हो जाएगा।
नई शिक्षा नीति के खिलाफ राष्ट्रीय स्तर पर आंदोलन
- डीएमके छात्र इकाई ने नई शिक्षा नीति के खिलाफ नई दिल्ली में विरोध प्रदर्शन किया।
- अखिलेश यादव ने सपा की ओर से इस आंदोलन को पूरा समर्थन देने की घोषणा की।
- उन्होंने कहा कि यह आंदोलन केवल तमिलनाडु तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि पूरे देश में फैलाया जाएगा।
- उत्तर भारत के छात्र भी इस अभियान को समर्थन देंगे और इसके खिलाफ आवाज उठाएंगे।
क्या है सपा की आपत्ति?
अखिलेश यादव ने कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत:
- शिक्षा को निजीकरण की ओर धकेला जा रहा है, जिससे गरीब और मध्यम वर्ग के छात्रों के लिए उच्च शिक्षा प्राप्त करना कठिन हो जाएगा।
- विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में कुलपतियों की नियुक्तियां राजनीतिक प्रभाव में की जा रही हैं।
- नए पाठ्यक्रम और शुल्क प्रणाली छात्रों के लिए आर्थिक बोझ बढ़ा सकते हैं।
- इस नीति से राजनेताओं और उद्योगपतियों के बीच गठजोड़ बढ़ेगा, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित होगी।
अखिलेश ने कहा – “छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ नहीं होने देंगे”
अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ नहीं होने देगी। उन्होंने घोषणा की कि सपा कार्यकर्ता राष्ट्रीय स्तर पर इस नीति के खिलाफ अभियान चलाएंगे और छात्रों के अधिकारों के लिए लड़ेंगे।
क्या होगा आगे?
डीएमके और सपा के इस साझा विरोध प्रदर्शन के बाद नई शिक्षा नीति पर बहस तेज हो गई है। विपक्षी दलों के समर्थन से यह मुद्दा राष्ट्रीय स्तर पर उभर सकता है। ऐसे में देखना होगा कि सरकार इस विरोध को कैसे संबोधित करती है।
नई शिक्षा नीति पर अधिक जानकारी और अपडेट के लिए शिक्षा मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट पर विजिट करें।