इलाहाबाद हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: झूठी शिकायत पर शिक्षकों का रोका वेतन









इलाहाबाद हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: झूठी शिकायत पर शिक्षकों का रोका वेतन, कोर्ट ने रद्द किया आदेश

इलाहाबाद हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: झूठी शिकायत पर शिक्षकों का रोका वेतन, कोर्ट ने रद्द किया आदेश

आगरा: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने झूठी शिकायत के आधार पर तीन शिक्षकों के वेतन रोकने के आदेश को रद्द कर दिया है। साथ ही, शिकायतकर्ता के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है। कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि शिकायतकर्ता को नोटिस जारी कर पूछा जाए कि क्यों न उस पर ₹1 लाख का जुर्माना लगाया जाए।

शिक्षकों को झूठी शिकायत के कारण हुआ नुकसान

कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि शिकायतकर्ता की झूठी शिकायत के कारण दो दशकों से अधिक समय से सेवा दे रहे शिक्षकों को मानसिक और आर्थिक परेशानी झेलनी पड़ी। शिक्षकों को न्याय पाने के लिए हाईकोर्ट तक आना पड़ा।

WhatsApp Channel Join Now
WhatsApp Group Join Now
Telegram Channel Join Now

कौन हैं प्रभावित शिक्षक?

यह मामला आगरा के एंग्लो बंगाली बालिका इंटर कॉलेज का है, जहां सरोज अग्रवाल, दुर्गेश मिश्रा और इंदूबाला कोहली शिक्षक के रूप में कार्यरत हैं। इनकी नियुक्ति वर्ष 1998 में हुई थी और वे लगभग दो दशक से अधिक समय से अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे थे।

झूठी शिकायत और वेतन रोकने का आदेश

ग्राम सूरोठी अछनेरा निवासी भूपेंद्र सिंह ने शिक्षकों के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई थी, जिसके बाद जिला विद्यालय निरीक्षक (डीआईओएस) ने 31 दिसंबर 2024 को शिक्षकों का वेतन रोकने का आदेश जारी कर दिया।

हाईकोर्ट का आदेश: शिक्षकों को न्याय मिला

इस अन्याय के खिलाफ शिक्षकों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी ने मामले की सुनवाई करते हुए स्पष्ट रूप से कहा कि बिना पर्याप्त सबूतों के शिक्षकों को परेशान करना अनुचित है।

शिकायतकर्ता पर होगी कानूनी कार्रवाई

हाईकोर्ट ने स्पष्ट रूप से निर्देश दिया कि शिकायतकर्ता के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए। इसके साथ ही, उसे नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा गया कि क्यों न उस पर ₹1 लाख का जुर्माना लगाया जाए।

निष्कर्ष

इस फैसले से उन शिक्षकों को बड़ी राहत मिली है जो झूठी शिकायतों के कारण परेशान होते हैं। हाईकोर्ट का यह निर्णय शिक्षा क्षेत्र में निष्पक्षता और न्याय की मिसाल पेश करता है। यह मामला दर्शाता है कि कानून का दुरुपयोग करने वालों को सख्त सजा दी जानी चाहिए।


Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top