राज्य अध्यापक पुरस्कार के लिए एक भी अंतिम आवेदन नहीं

राज्य अध्यापक पुरस्कार के लिए एक भी अंतिम आवेदन नहीं

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में राज्य अध्यापक पुरस्कार के लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने 1 जनवरी से 15 फरवरी तक आवेदन मांगे थे। लेकिन एक महीने से अधिक का समय बीत जाने के बावजूद अब तक एक भी शिक्षक ने अंतिम आवेदन नहीं किया है।

48 जिलों में दहाई तक नहीं पहुंची रजिस्ट्रेशन संख्या

हालांकि, प्रदेश भर से अब तक 636 रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं, जिनमें प्रयागराज से सर्वाधिक 28 रजिस्ट्रेशन हुए हैं। लेकिन चिंता की बात यह है कि 48 जिलों में दहाई की संख्या तक भी रजिस्ट्रेशन नहीं पहुंचे हैं।

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विभाग की नाराजगी, बीएसए को दिए कड़े निर्देश

बेसिक शिक्षा विभाग ने इस स्थिति पर सभी बीएसए (बेसिक शिक्षा अधिकारियों) से नाराजगी जताई है। जबकि पहले ही निर्देश दिए गए थे कि अधिक से अधिक शिक्षकों को प्रेरणा वेब पोर्टल पर आवेदन के लिए प्रेरित किया जाए।

किन जिलों में सबसे कम आवेदन?

विभागीय आंकड़ों के अनुसार, बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, रायबरेली, बाराबंकी, बस्ती समेत 48 जिलों में आवेदन की संख्या दहाई तक भी नहीं पहुंच सकी है। वहीं, लखनऊ, अंबेडकरनगर, अमेठी व सीतापुर में केवल 10 और अयोध्या में 11 रजिस्ट्रेशन हुए हैं।

विभागीय निर्देश: प्रचार-प्रसार बढ़ाएं

बेसिक शिक्षा विभाग के उप शिक्षा निदेशक संजय कुमार उपाध्याय ने सभी बीएसए को निर्देश दिया है कि वे इस स्थिति में जल्द से जल्द सुधार करें। उन्होंने कहा कि पांच जिलों में केवल तीन और सात जिलों में केवल चार आवेदन ही रजिस्ट्रेशन के लिए आए हैं, जो कि बेहद कम संख्या है।

क्या करें शिक्षक?

योग्य शिक्षकों को बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा प्रेरणा वेब पोर्टल पर 15 फरवरी तक आवेदन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है। साथ ही, इस प्रक्रिया का विस्तृत प्रचार-प्रसार करने पर भी जोर दिया जा रहा है, ताकि हर जिले से अधिकतम योग्य शिक्षक इस अवसर का लाभ उठा सकें।

शिक्षकों को जल्द से जल्द आवेदन करना चाहिए ताकि वे इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए चयनित होने का अवसर प्राप्त कर सकें।

शिक्षकों के लिए आवेदन लिंक: प्रेरणा वेब पोर्टल

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