📢 पढ़ाई खत्म, लेकिन 7,000 भारतीय छात्र अमेरिका से नहीं लौटे! 📢
जालंधर। अमेरिका में भारतीय छात्रों की संख्या लगातार बढ़ रही है, लेकिन इसी के साथ वीजा नियमों के उल्लंघन के मामले भी बढ़ते जा रहे हैं। पिछले वर्ष में ही 7,000 भारतीय छात्र वीजा समाप्त होने के बावजूद अमेरिका में रुके रहे। उन्होंने न तो वर्क वीजा लिया और न ही स्टे एक्सटेंशन।
🇺🇸 भारतीय छात्रों का अमेरिका में बढ़ता रुझान
भारतीय छात्रों के लिए अमेरिका हमेशा से शिक्षा और करियर के लिहाज से आकर्षण का केंद्र रहा है। लेकिन हाल के वर्षों में डॉलर की चमक और बेहतर भविष्य की तलाश में पंजाबियों समेत कई भारतीय छात्र अमेरिका में ही ठहरने का गैरकानूनी तरीका अपना रहे हैं।
⚠️ भारत के बाद ब्राजील और चीन
आव्रजन विशेषज्ञ जेसिका एम वॉन के अनुसार, भारत के बाद ब्राजील और चीन दूसरे स्थान पर हैं। इन देशों के लगभग 2,000 छात्रों ने भी अपने वीजा नियमों का उल्लंघन किया और निर्धारित समय सीमा के बाद भी अमेरिका में रुके रहे।
📜 अमेरिकी न्यायपालिका समिति की चेतावनी
अमेरिकी न्यायपालिका सदन समिति के समक्ष बोलते हुए वॉन ने कहा कि अमेरिका में अस्थायी वीजा श्रेणियों में, एफ-1 (शैक्षणिक छात्र) और एम-1 (व्यावसायिक छात्र) वीजा श्रेणियों में अवैध रूप से अधिक समय तक रुकने की दर सबसे अधिक है।
📉 क्या हो सकते हैं इसके परिणाम?
जो छात्र अवैध रूप से अमेरिका में रहते हैं, वे कई तरह की समस्याओं का सामना कर सकते हैं:
- ❌ भविष्य में अमेरिका का वीजा पाने में कठिनाई
- ❌ डिपोर्टेशन (निर्वासन) की संभावना
- ❌ आपराधिक रिकॉर्ड में दर्ज हो सकता है
- ❌ अन्य देशों के वीजा प्राप्त करने में दिक्कत
🎯 निष्कर्ष
अमेरिका में अवैध रूप से रुकना न केवल कानूनी समस्या खड़ी करता है, बल्कि भविष्य की संभावनाओं को भी खतरे में डाल सकता है। भारतीय छात्रों को वीजा नियमों का पालन करना चाहिए ताकि वे अमेरिका में सफल करियर बना सकें, बिना किसी कानूनी परेशानी के।
➡️ आपकी राय क्या है? क्या भारतीय छात्रों को इस विषय पर अधिक जागरूक किया जाना चाहिए? अपने विचार हमें कमेंट सेक्शन में बताएं।
