पेंशन खाते में भेजनी है… डिटेल बताओ – साइबर ठगों ने निकाल लिए 10 लाख
गाजियाबाद। साइबर ठगों ने सरकारी नौकरी से सेवानिवृत्त एक बुजुर्ग को झांसा देकर उनके बैंक खाते से 10 लाख रुपये उड़ा लिए। पीड़ित वीरेंद्र कुमार (60) ने साइबर थाने में इसकी शिकायत दर्ज कराई है।
कैसे हुआ फ्रॉड?
पीड़ित वीरेंद्र कुमार, निवासी गोविंदपुरम, कविनगर, गाजियाबाद में अपने परिवार के साथ रहते हैं। 1 फरवरी को उनके पास एक अनजान नंबर से कॉल आया। कॉलर ने खुद को ट्रेजरी कार्यालय का अधिकारी “शिव कुमार” बताया और कहा कि उनकी दो महीने की पेंशन खाते में ट्रांसफर होनी है।
ठग ने कैसे किया बैंक खाते से पैसा ट्रांसफर?
- कॉलर ने भरोसा दिलाया कि उनके पास सभी पेंशन से संबंधित दस्तावेज हैं।
- पीड़ित से कहा गया कि बैंक खाते से जुड़ी कुछ डिटेल्स देनी होंगी।
- वीरेंद्र कुमार ने सैलरी अकाउंट की डिटेल ठग को बता दी।
- इसके बाद ठग ने उनके खाते में इंटरनेट बैंकिंग चालू करवाई।
- साइबर ठग बार-बार कॉल कर अलग-अलग जानकारियां मांगता रहा।
- 2 फरवरी को उसने पीड़ित के मोबाइल पर एक लिंक भेजा, जिस पर क्लिक करते ही मोबाइल हैक हो गया।
- इसके बाद दो अलग-अलग बैंक खातों में 9,99,999 रुपये ट्रांसफर कर लिए गए।
ठगी का पता कैसे चला?
जब पीड़ित को शक हुआ, तो उन्होंने ट्रेजरी कार्यालय से संपर्क किया। वहां से पता चला कि ऐसा कोई फोन नहीं किया गया था। तब जाकर उन्हें अहसास हुआ कि उनके साथ साइबर फ्रॉड हो गया है।
मामला दर्ज, जांच जारी
पीड़ित वीरेंद्र कुमार ने तुरंत साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई। एडीसीपी अपराध सच्चिदानंद ने बताया कि मामला दर्ज कर लिया गया है और बैंक खातों की जांच की जा रही है।
कैसे बचें साइबर ठगी से?
- कभी भी अनजान कॉलर को बैंक डिटेल न दें।
- सरकारी अधिकारी बनकर फोन करने वालों से सतर्क रहें।
- बैंक और ट्रेजरी कार्यालय से सीधा संपर्क करें किसी भी वित्तीय लेन-देन से पहले।
- अनजान लिंक पर क्लिक न करें, ये आपके फोन को हैक कर सकते हैं।
- इंटरनेट बैंकिंग से जुड़े मैसेज पर ध्यान दें और तुरंत बैंक से संपर्क करें।
निष्कर्ष
साइबर ठगों द्वारा ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इसलिए सतर्क रहें, अपनी निजी और बैंकिंग जानकारी किसी के साथ साझा न करें, और किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर तुरंत साइबर क्राइम हेल्पलाइन से संपर्क करें।