आठवें वेतन आयोग के सामने कर्मचारी-शिक्षकों का पक्ष रखेंगे हरिकिशोर तिवारी
लखनऊ: भारत सरकार द्वारा आठवें वेतन आयोग की घोषणा के बाद अब कर्मचारियों और शिक्षकों के सुझाव लिए जाएंगे।
हरिकिशोर तिवारी को सौंपी गई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी
राष्ट्रीय स्तर पर कर्मचारी संगठनों के प्रमुख एनजेसीए (National Joint Council of Action – NJCA) के संयोजक शिवगोपाल मिश्रा ने इस कार्य के लिए हरिकिशोर तिवारी को नामित किया है। वे राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष हैं और अब वे आयोग के सामने कर्मचारियों और शिक्षकों की मांगों को रखेंगे।
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद का योगदान
परिषद के महामंत्री डॉ. नरेश कुमार ने कहा कि यह निर्णय राज्य कर्मचारियों और शिक्षकों के लिए गर्व की बात है। उन्होंने बताया कि परिषद लगातार कर्मचारियों और शिक्षकों की समस्याओं को सरकार तक पहुंचाने का कार्य कर रही है।
शिक्षकों और कर्मचारियों की मुख्य मांगें
- आठवें वेतन आयोग में वेतनमान में बढ़ोतरी सुनिश्चित करना।
- संविदा और अस्थायी कर्मचारियों को स्थायी नियुक्ति का लाभ दिलाना।
- सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए पेंशन में वृद्धि।
- सरकारी शिक्षकों के वेतनमान को केंद्र सरकार के शिक्षकों के समकक्ष लाना।
शिवगोपाल मिश्रा को धन्यवाद
परिषद के पदाधिकारियों ने इस निर्णय के लिए शिवगोपाल मिश्रा का धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने भरोसा जताया कि हरिकिशोर तिवारी कर्मचारियों और शिक्षकों की मांगों को मजबूती से रखेंगे।
क्या है अगला कदम?
अब आठवें वेतन आयोग की प्रक्रिया के तहत कर्मचारियों और शिक्षकों से सुझाव लिए जाएंगे। आयोग इन सुझावों पर विचार करेगा और अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगा।
निष्कर्ष
आठवें वेतन आयोग को लेकर कर्मचारियों और शिक्षकों में उम्मीदें बढ़ गई हैं। हरिकिशोर तिवारी की नियुक्ति से यह तय हो गया है कि राज्य कर्मचारियों और शिक्षकों की आवाज प्रभावी रूप से रखी जाएगी।