वेतन आयोग का तुरंत नहीं दिखेगा कोई खास प्रभाव: व्यय सचिव

वेतन आयोग का तुरंत नहीं दिखेगा कोई खास प्रभाव: व्यय सचिव

केंद्रीय बजट 2025-26 पेश होने के बाद व्यय सचिव मनोज गोविल ने नई दिल्ली में रुचिका चित्रवंशी और असित रंजन मिश्र के साथ बातचीत की। इस दौरान उन्होंने एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस), वेतन आयोग, वित्त आयोग और पूंजीगत व्यय पर सरकार के दृष्टिकोण पर चर्चा की। आइए जानते हैं उनके बयान के प्रमुख अंश।

वित्त आयोग और वेतन आयोग का प्रभाव

बजट में यूपीएस को शामिल किया गया है, लेकिन वित्त आयोग की रिपोर्ट अक्टूबर 2025 में आने की उम्मीद है। सरकार ने परामर्श प्रक्रिया शुरू कर दी है, जिसके बाद आयोग के सदस्यों के नाम अधिसूचित किए जाएंगे। चूंकि अगला बजट अक्टूबर-नवंबर 2025 से तैयार होने लगेगा, इसलिए वित्तीय प्रभाव का अभी अनुमान लगाना मुश्किल होगा।

वित्तीय दबाव और कर व्यवस्था

वेतन आयोग और वित्त आयोग की सिफारिशों से वित्त वर्ष 2027 में सरकार को अतिरिक्त राशि प्रदान करनी होगी। हालांकि, कितना आवंटन किया जाएगा, यह वित्त आयोग की रिपोर्ट के बाद ही स्पष्ट होगा।

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यूपीएस में सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन क्यों?

यूपीएस को इस तरह डिजाइन किया गया है कि इसकी वैल्यू को बनाए रखा जा सके, जिससे सरकार के आश्वासनों का सम्मान हो। यह योजना 1 अप्रैल 2025 से लागू होगी, और कई वर्षों के अनुभव के बाद ही यह स्पष्ट होगा कि कितनी राशि एकत्र हो रही है।

यूपीएस के फायदे और बाजार पर प्रभाव

यूपीएस को मुद्रास्फीति के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करने के लिए एक संपूर्ण उपाय माना जा रहा है। हालांकि, वर्तमान में बाजार में अच्छे इन्फलेशन-इंडेक्स्ड एन्युटी उत्पाद उपलब्ध नहीं हैं, लेकिन भविष्य में ऐसे उत्पाद विकसित हो सकते हैं।

राज्यों के लिए यूपीएस अपनाने का सुझाव?

राज्यों के साथ यूपीएस पर औपचारिक बातचीत अभी नहीं हुई है। कई राज्य केंद्र सरकार के दिशानिर्देशों पर विचार कर रहे हैं, लेकिन यह उनकी पसंद पर निर्भर करेगा कि वे इस योजना को अपनाते हैं या नहीं।

पीएफआरडीए पर असर

कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यूपीएस के व्यापक रूप से अपनाने से पीएफआरडीए (पेंशन फंड नियामक एवं विकास प्राधिकरण) निष्क्रिय हो सकता है। हालांकि, पीएफआरडीए की कुछ योजनाएं जारी रहेंगी और राज्य सरकारें यूपीएस अपनाने के लिए स्वतंत्र होंगी।

सरकारी कोष और निवेश रणनीति

व्यय सचिव के अनुसार, सरकार को निजी निवेशकों की तुलना में अधिक जोखिम लेने की क्षमता हो सकती है, जिससे सरकारी कोष के लिए अलग निवेश रणनीति अपनाई जा सकती है।

राज्य पूंजीगत ऋण सुधार

वित्त वर्ष 2026 के लिए परिपत्र जारी करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसके तहत विभिन्न मंत्रालयों से परामर्श किया जाएगा और आवश्यक सुधारों पर विचार किया जाएगा।

निष्कर्ष

बजट 2025-26 के बाद वेतन आयोग और यूपीएस को लेकर कई चर्चाएं हो रही हैं। हालांकि, इनका वास्तविक वित्तीय प्रभाव आने वाले वर्षों में ही स्पष्ट होगा। सरकार ने यूपीएस के जरिए मुद्रास्फीति सुरक्षा का एक नया विकल्प पेश किया है, लेकिन राज्यों और निजी संगठनों पर इसे अपनाने का दबाव नहीं है।

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