अपार आईडी में लापरवाही, 24 विद्यालयों पर संकट
बहराइच। सरकार द्वारा विद्यार्थियों को डिजिटल पहचान देने और उनके सभी शैक्षिक प्रमाणपत्रों को एक स्थान पर सहेजने के लिए अपार (ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री) आईडी बनाई जा रही है। लेकिन कई विद्यालयों की लापरवाही के कारण यह योजना प्रभावित हो रही है।
शिक्षा विभाग की सख्ती
शिक्षा विभाग ने अब 24 ऐसे विद्यालयों को सूचीबद्ध किया है, जिन्होंने अभी तक एक भी विद्यार्थी का अपार आईडी रजिस्ट्रेशन नहीं करवाया है। डीआईओएस मनोज कुमार अहिरवार ने बताया कि इन विद्यालयों को नोटिस जारी किया गया है और उनकी मान्यता रद्द करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
बहराइच जिले के विद्यालयों की स्थिति
- कुल विद्यालय: 306
- राजकीय विद्यालय: 55 (प्रगति 68%)
- एडेड विद्यालय: 28 (प्रगति 61%)
- संस्कृत विद्यालय: 10
- वित्तविहीन विद्यालय: (प्रगति 33%)
इसके बावजूद, जिले के 24 विद्यालय ऐसे हैं, जहां अपार आईडी पंजीकरण की प्रगति शून्य है।
90 मदरसों की मान्यता भी खतरे में
जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी संजय मिश्रा ने बताया कि 90 मदरसे ऐसे हैं, जिन्होंने अब तक एक भी विद्यार्थी का अपार पंजीकरण नहीं करवाया है। इस कारण, रजिस्ट्रार को पत्र भेजकर इन मदरसों की मान्यता रद्द करने की मांग की गई है।
सरकार के निर्देश और संभावित प्रभाव
सरकार ने अपार आईडी बनाने के लिए सख्त निर्देश दिए हैं ताकि सभी विद्यार्थियों को डिजिटल पहचान मिल सके और उनकी शैक्षिक जानकारी एक ही प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध हो। इस लापरवाही के कारण:
- छात्रों की डिजिटल शैक्षिक प्रोफाइल अधूरी रह जाएगी।
- सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल सकेगा।
- विद्यालयों की मान्यता रद्द हो सकती है।
क्या है अपार आईडी?
अपार आईडी एक डिजिटल अकाउंट है, जिसमें विद्यार्थी की शैक्षिक जानकारी सुरक्षित रहती है। यह आईडी सभी शैक्षिक प्रमाणपत्रों को एक जगह संग्रहीत करने के लिए बनाई जा रही है।
निष्कर्ष
सरकार की इस पहल का उद्देश्य छात्रों को डिजिटल शिक्षा प्रणाली से जोड़ना है। लेकिन कई विद्यालयों की लापरवाही से योजना में बाधा आ रही है। शिक्षा विभाग और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा सख्त कार्रवाई से उम्मीद है कि जल्द ही अपार आईडी पंजीकरण की प्रक्रिया तेज होगी और विद्यार्थियों को इसका पूरा लाभ मिलेगा।