बजट 2025-26: एक नजर में
नई दिल्ली। सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए बजट प्रस्तुत कर दिया है। इसमें राजस्व प्राप्तियां, कर राजस्व, व्यय, घाटा और अन्य आर्थिक संकेतकों की विस्तृत जानकारी दी गई है। इस लेख में बजट के प्रमुख बिंदुओं को सरल भाषा में समझाया गया है।
मुख्य बिंदु
- राजस्व प्राप्तियां 34,20,409 करोड़ रुपये अनुमानित हैं।
- कर राजस्व 28,37,409 करोड़ रुपये होगा।
- कर-भिन्न राजस्व 5,83,000 करोड़ रुपये रहने की उम्मीद।
- पूंजी प्राप्तियां 16,44,936 करोड़ रुपये तक पहुंचेंगी।
- कुल व्यय 50,65,345 करोड़ रुपये अनुमानित है।
- राजस्व घाटा 5,23,846 करोड़ रुपये होगा।
- राजकोषीय घाटा 15,68,936 करोड़ रुपये रहने की संभावना।
वित्तीय आंकड़ों का तुलनात्मक विश्लेषण
विषय | 2023-24 (वास्तविक) | 2024-25 (अनुमान) | 2025-26 (संभावित) |
---|---|---|---|
राजस्व प्राप्तियां | 27,29,036 | 31,29,200 | 34,20,409 |
कर राजस्व | 23,27,251 | 25,83,499 | 28,37,409 |
कर-भिन्न राजस्व | 4,01,785 | 5,45,701 | 5,83,000 |
पूंजी प्राप्तियां | 17,14,411 | 16,91,312 | 16,44,936 |
कुल व्यय | 44,43,447 | 48,20,512 | 50,65,345 |
राजकोषीय घाटा | 16,54,643 | 16,13,312 | 15,68,936 |
क्षेत्रवार आर्थिक प्रभाव
इस बजट से विभिन्न क्षेत्रों को अलग-अलग लाभ होने की उम्मीद है। सरकार ने कृषि, बुनियादी ढांचे, शिक्षा और स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दिया है।
कृषि क्षेत्र
बजट में कृषि क्षेत्र की वृद्धि 3.8% रहने की उम्मीद जताई गई है। सरकार ने किसानों को समर्थन देने के लिए ऋण योजनाओं में वृद्धि की है।
बुनियादी ढांचा
सड़क, रेलवे और हवाई अड्डों के विस्तार के लिए सरकार ने पूंजीगत व्यय में वृद्धि की है, जिससे नौकरियों के अवसर बढ़ेंगे।
शिक्षा और स्वास्थ्य
सरकार ने शिक्षा और स्वास्थ्य पर बजट बढ़ाया है। डिजिटल शिक्षा और टेलीमेडिसिन को बढ़ावा देने के लिए नई योजनाएं लाई जा रही हैं।
निष्कर्ष
बजट 2025-26 आर्थिक सुधारों की दिशा में एक बड़ा कदम है। सरकार ने राजस्व वृद्धि और व्यय नियंत्रण पर जोर दिया है, जिससे आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित होगी।
क्या यह बजट आपकी उम्मीदों पर खरा उतरा? अपनी राय कमेंट में दें!