2025-26 में 6.8 फीसदी तक रहेगी विकास दर आठ फीसदी से पूरा होगा विकसित भारत का लक्ष्य








आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25: भारत की आर्थिक स्थिति पर विस्तृत रिपोर्ट

आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25: भारत की आर्थिक स्थिति पर विस्तृत रिपोर्ट

नई दिल्ली: वैश्विक चुनौतियों के बीच **भारत की आर्थिक वृद्धि दर 2025-26 में 6.3 से 6.8 फीसदी रहने की उम्मीद** है। हालांकि, विनिर्माण क्षेत्र में सुस्ती और घटते कॉरपोरेट निवेश के कारण चालू वित्त वर्ष 2024-25 में जीडीपी की वृद्धि दर **चार वर्षों में सबसे कम 6.4 फीसदी** रहने की संभावना है।

8% विकास दर के लिए निवेश बढ़ाना होगा

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा संसद में प्रस्तुत **आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25** में कहा गया है कि भारत को **8% की वृद्धि दर** हासिल करने के लिए निवेश दर को **31% से बढ़ाकर 35%** करना होगा। इसके लिए अगले दो दशकों तक बुनियादी ढांचे पर निवेश बढ़ाने की आवश्यकता होगी।

यह केवल सरकारी खर्च से संभव नहीं है, बल्कि निजी क्षेत्र को भी निवेश बढ़ाना होगा।

रोजगार: हर साल 78.5 लाख नौकरियों की जरूरत

भारत में 10-24 वर्ष की आयु वर्ग की 26% जनसंख्या है, जो **जनसांख्यिकीय लाभ** का संकेत देती है।

2030-32 तक **हर साल 78.5 लाख नई गैर-कृषि नौकरियां** उत्पन्न करनी होंगी। इसके लिए:

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  • 100% साक्षरता दर हासिल करनी होगी।
  • शिक्षा संस्थानों की गुणवत्ता में सुधार करना होगा।
  • आधुनिक बुनियादी ढांचे को तेजी से विकसित करना होगा।

तकनीकी निवेश की आवश्यकता

**आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), रोबोटिक्स, बायोटेक्नोलॉजी** और अन्य आधुनिक तकनीकों में निवेश को बढ़ावा देना होगा।

**भारत के विकसित राष्ट्र बनने के लक्ष्य (2047)** को पूरा करने के लिए **अगले दो दशकों तक 8% की औसत जीडीपी वृद्धि दर** बनाए रखना आवश्यक है।

महंगाई और खाद्य कीमतों पर प्रभाव

**खाद्य महंगाई** चिंता का विषय बनी हुई है। **सब्जियों और दलहनों की कीमतों में वृद्धि ने महंगाई को बढ़ाया**।

यदि वैश्विक स्तर पर जिंसों के दाम घटते हैं, तो चालू वित्त वर्ष के अंतिम महीनों में खाने-पीने की वस्तुओं की महंगाई में राहत मिल सकती है।

एफडीआई में 17.2% की वृद्धि

अप्रैल-नवंबर 2024 में **प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) 17.2% बढ़कर 55.6 अरब डॉलर** तक पहुंच गया। इसमें:

  • सेवा क्षेत्र की हिस्सेदारी **19.1%** रही।
  • वैश्विक अनिश्चितता के बावजूद **दीर्घकालिक निवेश का माहौल अनुकूल बना हुआ है**।

भूमि, श्रम और सार्वजनिक सेवा में सुधार जरूरी

भारत को उच्च आर्थिक वृद्धि दर हासिल करने के लिए **भूमि, श्रम, भवन निर्माण, सार्वजनिक सेवाओं और उपयोगिताओं में सुधार** करना होगा।

**केंद्र और राज्य सरकारों** को ऐसे सुधारों को तेजी से लागू करना चाहिए ताकि छोटे और मध्यम उद्यम आसानी से काम कर सकें और वैश्विक प्रतिस्पर्धा में बने रहें।

रुपये का प्रदर्शन अन्य मुद्राओं के मुकाबले बेहतर

हालांकि **अमेरिकी डॉलर** के मुकाबले रुपया कमजोर हुआ, लेकिन अन्य मुद्राओं जैसे:

  • **कनाडाई डॉलर** (5.4% की गिरावट)
  • **दक्षिण कोरियाई वोन** (8.2% की गिरावट)
  • **ब्राजीलियाई रियाल** (17.4% की गिरावट)

के मुकाबले भारतीय रुपये ने बेहतर प्रदर्शन किया है।

60 घंटे से अधिक काम सेहत के लिए हानिकारक

सप्ताह में **70-90 घंटे काम** करने को लेकर जारी बहस के बीच **आर्थिक सर्वेक्षण** में कहा गया कि:

  • डेस्क पर **12 घंटे या उससे अधिक** काम करना **मानसिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक** है।
  • अध्ययन में पाया गया कि ऐसे व्यक्तियों में **तनाव, अवसाद और अन्य मानसिक बीमारियों** का खतरा अधिक होता है।

निष्कर्ष

आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 के अनुसार, **भारत को उच्च विकास दर हासिल करने के लिए निवेश दर को बढ़ाना, तकनीकी उन्नति करना, रोजगार के अवसर बढ़ाना और बुनियादी ढांचे में सुधार** करना आवश्यक है।

अगर सरकार और निजी क्षेत्र मिलकर प्रयास करें, तो **2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र** बनाने का सपना साकार हो सकता है।


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