ईष्ट के दर्शन के लिए लगीं कतारें
अयोध्या, मथुरा, काशी, चित्रकूट और विंध्यवासिनी धाम में मौनी अमावस्या पर संगम स्नान के बाद श्रद्धालुओं का भारी सैलाब उमड़ पड़ा।
अमर उजाला ब्यूरो, लखनऊ: प्रयागराज में मौनी अमावस्या के पावन अवसर पर अमृत स्नान के बाद श्रद्धालुओं का रेला अयोध्या, मथुरा, काशी, चित्रकूट और विन्ध्यवासिनी धाम की ओर उमड़ पड़ा।
अयोध्या में भक्तों का सैलाब
अयोध्या में हनुमानगढ़ी और दशरथ महल के रास्ते को बंद कर दिया गया। गोंडा, अंबेडकरनगर, सुल्तानपुर और लखनऊ रोड पर भारी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए होल्डिंग एरिया बनाए गए।
अयोध्या की ओर लगातार तीसरे दिन वाहनों पर पाबंदी रही। गोंडा में पुराने सरयू पुल पर वाहनों की आवाजाही रोकी गई, वहीं अमेठी से लगती अयोध्या सीमा को पूरी तरह सील कर दिया गया।
10 लाख भक्तों ने किए मां विंध्यवासिनी के दर्शन
गुप्त नवरात्र के पहले दिन विंध्याचल धाम में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। लगभग 10 लाख श्रद्धालुओं ने मां विंध्यवासिनी के दर्शन किए।
श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान के बाद मंदिर में दर्शन-पूजन किया। त्रिकोण क्षेत्र में “मां वासिनी” के जयकारों से पूरा इलाका गूंज उठा। डीएम प्रियंका निरंजन ने बताया कि इस बार दर्शनार्थियों का नया रिकॉर्ड बना है।
20 लाख श्रद्धालुओं ने मंदाकिनी में लगाई डुबकी
चित्रकूट में बृहस्पतिवार को भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। लगभग 20 लाख भक्तों ने मंदाकिनी नदी में डुबकी लगाई।
भीड़ के कारण कई श्रद्धालुओं को 10-15 किलोमीटर पैदल चलकर नदी तक पहुंचना पड़ा। कामदगिरि परिक्रमा भी लाखों भक्तों ने पूरी की। शहर में भारी भीड़ के कारण पुलिस ने बैरिकेडिंग कर सुरक्षा व्यवस्था संभाली।
8 लाख श्रद्धालु पहुंचे बाबा विश्वनाथ के दरबार
श्री काशी विश्वनाथ धाम में भक्तों की कतारें 2 किलोमीटर तक लंबी रहीं। श्रद्धालुओं को 6-7 घंटे तक लाइन में लगकर दर्शन करना पड़ा।
बाबा कालभैरव मंदिर में भी भक्तों की लंबी लाइनें लगीं। मंगला आरती भोर 2:45 बजे शुरू हुई, जिसके बाद दर्शन-पूजन का सिलसिला चलता रहा।
मथुरा-वृंदावन में बढ़ा दबाव, श्रद्धालु हुए असहज
मथुरा और वृंदावन में सुबह से ही श्रीकृष्ण जन्मभूमि और ठाकुर श्री बांके बिहारी मंदिर में भारी भीड़ उमड़ पड़ी।
भीड़ के दबाव के कारण दो श्रद्धालुओं की तबीयत बिगड़ गई। डॉक्टरों की टीम ने उन्हें तुरंत उपचार दिया, जिसके बाद वे ठीक हुए।
महत्वपूर्ण निर्देश श्रद्धालुओं के लिए
- मंदिरों और तीर्थ स्थलों पर खाली पेट न जाएं।
- यदि कोई दवा चल रही हो, तो उसे साथ लेकर जाएं।
- भीड़भाड़ वाले स्थानों पर सावधानी बरतें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।
निष्कर्ष
संगम स्नान के बाद देश के प्रमुख धार्मिक स्थलों पर भक्तों का भारी सैलाब उमड़ा। अयोध्या, मथुरा, काशी, चित्रकूट और विंध्यवासिनी धाम में श्रद्धालुओं की भीड़ ने ऐतिहासिक रिकॉर्ड बनाए।
प्रशासन ने भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर विशेष इंतजाम किए, लेकिन भक्तों की भारी संख्या के कारण कई जगह अव्यवस्था भी देखने को मिली।
श्रद्धालुओं को सुरक्षा के मद्देनजर सतर्क रहने और यात्रा के दौरान आवश्यक सावधानियां बरतने की सलाह दी जाती है।