महाकुंभ 2025: मौनी अमावस्या भगदड़ की न्यायिक जांच शुरू, सरकार ने उठाए कड़े कदम
प्रयागराज, उत्तर प्रदेश: महाकुंभ 2025 के दौरान **मौनी अमावस्या स्नान के मौके पर हुई भगदड़** की जांच के लिए **तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग** का गठन किया गया है। **मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ** के निर्देश पर **मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह** और **डीजीपी प्रशांत कुमार** ने गुरुवार को प्रयागराज पहुंचकर **संगम नोज** का निरीक्षण किया और **घायलों से मुलाकात की**।
घटना की जांच के लिए गठित तीन सदस्यीय आयोग
घटना की गंभीरता को देखते हुए राज्य सरकार ने **सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति हर्ष कुमार** की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग गठित किया है। आयोग में **पूर्व डीजी वीके गुप्ता और पूर्व आईएएस डीके सिंह** भी शामिल हैं। आयोग के सदस्य **शुक्रवार को प्रयागराज पहुंचकर जांच शुरू करेंगे**।
आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति हर्ष कुमार ने बताया कि जांच को प्राथमिकता के आधार पर लिया गया है और इसे **एक महीने के भीतर पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है**। आयोग **घटनास्थल पर जाकर सभी तथ्यों की गहराई से जांच करेगा** और भविष्य में ऐसे आयोजनों की सुरक्षा को लेकर सरकार को सुझाव देगा।
सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर
घटना के बाद **सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई** है, जिसमें सभी राज्य सरकारों को **श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश देने** की मांग की गई है। याचिकाकर्ता **अधिवक्ता विशाल तिवारी** ने **हादसे की स्टेटस रिपोर्ट पेश करने** और **लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई** की मांग की है।
मुख्य सचिव और डीजीपी ने किया स्थलीय निरीक्षण
मुख्य सचिव **मनोज कुमार सिंह** और डीजीपी **प्रशांत कुमार** ने **झूसी क्षेत्र का दौरा** कर **बस अड्डा और एरावत घाट का निरीक्षण** किया। इसके बाद दोनों अधिकारी **संगम नोज पहुंचे**, जहां भगदड़ हुई थी।
**डीएम विजय किरण आनंद** ने घटना की विस्तृत जानकारी दी। अधिकारियों ने **वाच टॉवर पर जाकर संगम नोज की व्यवस्था का जायजा लिया** और वसंत पंचमी के स्नान के लिए विशेष निर्देश दिए।
महाकुंभ की व्यवस्थाओं में बड़ा बदलाव
सरकार ने महाकुंभ की सुरक्षा और व्यवस्थाओं को और मजबूत करने के लिए **एक आईएएस और चार पीसीएस अफसरों की तैनाती** की है। ये अधिकारी **15 फरवरी तक प्रयागराज में रहकर व्यवस्थाओं को सुधारेंगे**।
तैनात अधिकारियों में **आईएएस अतुल सिंह** (खाद्य-रसद विभाग के विशेष सचिव) और पीसीएस अफसर **अशोक कुमार, आशुतोष दुबे, प्रफुल्ल त्रिपाठी और प्रतिपाल चौहान** शामिल हैं। इसके अलावा, आईएएस अधिकारी **आशीष गोयल और भानु गोस्वामी** को भी महाकुंभ में तैनात किया गया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कड़ी निगरानी
मुख्यमंत्री **योगी आदित्यनाथ** लगातार **48 घंटे से महाकुंभ की व्यवस्थाओं पर नजर रख रहे हैं**। उन्होंने प्रशासन को **श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने और कड़ी निगरानी बनाए रखने के निर्देश दिए हैं**।
महाकुंभ क्षेत्र में नई यातायात व्यवस्था लागू
- **संगम नोज पर अलग-अलग मार्ग तय किए गए हैं** ताकि भीड़ को नियंत्रित किया जा सके।
- **महाकुंभ मेला क्षेत्र में नो-व्हीकल जोन लागू किया गया**।
- **वीवीआईपी पास 4 फरवरी तक के लिए रद्द** कर दिए गए हैं।
- **18 पीपा पुल खोल दिए गए हैं** ताकि श्रद्धालुओं को सुगम आवाजाही मिल सके।
घायलों से मिले मुख्य सचिव और डीजीपी
निरीक्षण के बाद **मुख्य सचिव और डीजीपी ने प्रयागराज के केंद्रीय अस्पताल और स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय में जाकर घायलों का हाल जाना**। उन्होंने डॉक्टरों से **इलाज और दवा की उपलब्धता** की भी जानकारी ली।
निष्कर्ष
मौनी अमावस्या स्नान के दौरान हुई **इस भगदड़ की न्यायिक जांच तेज गति से की जा रही है**। सरकार ने सुरक्षा को लेकर **कड़े कदम उठाए हैं**, और सुप्रीम कोर्ट में भी **श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर जनहित याचिका दायर की गई है**।
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