पारस्परिक तबादला आदेश ठंडे बस्ते में, शिक्षकों में बढ़ रही नाराजगी
लखनऊ। प्रदेश के प्राइमरी शिक्षकों के लिए पारस्परिक स्थानांतरण (Mutual Transfer) की राह कठिन होती जा रही है। शासनादेश जारी हुए 18 दिन बीत चुके हैं, लेकिन अब तक बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से कोई समय सारिणी जारी नहीं की गई है। इससे परिषदीय शिक्षक खासे परेशान हैं।
अभी तक समय सारिणी क्यों नहीं बनी?
- 18 महीने बाद भी तबादले की प्रक्रिया को लेकर स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी नहीं किए गए।
- गत वर्ष 1398 जोड़ों यानी लगभग 2800 शिक्षकों को पारस्परिक स्थानांतरण का लाभ मिला था।
- शिक्षकों को उम्मीद थी कि प्रक्रिया समय से शुरू होगी, जिससे वे ग्रीष्मावकाश में अपने इच्छित जिले में स्थानांतरण करवा सकें, लेकिन अब यह संभव नहीं लग रहा।
शिक्षकों के विवरण अपडेट करने में देरी
बेसिक शिक्षा परिषद ने सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों (BSA) को निर्देश दिए थे कि शिक्षकों का विवरण मानव सम्पदा पोर्टल पर अपडेट किया जाए। इसमें पदनाम, जन्मतिथि, मोबाइल नंबर, नियुक्ति तिथि जैसी जानकारी को 10 जनवरी तक संशोधित करने को कहा गया था।
लेकिन, अधिकांश जिलों में यह कार्यवाही अब तक पूरी नहीं हुई, जिससे प्रक्रिया अधर में लटक गई है।
शिक्षकों में निराशा, लापरवाही के आरोप
- शिक्षकों का मानना है कि शासनादेश जारी होने के बाद भी अगर कार्यवाही शुरू नहीं हुई तो यह अधिकारियों की लापरवाही को दर्शाता है।
- राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (NIC) द्वारा विकसित सॉफ्टवेयर के जरिए ऑनलाइन प्रक्रिया संपन्न की जानी थी, लेकिन इसमें भी देरी हो रही है।
- अगर जल्द कार्रवाई नहीं की गई तो शिक्षकों को एक और वर्ष तबादले की प्रतीक्षा करनी पड़ सकती है।
क्या होगा आगे?
अगर बेसिक शिक्षा विभाग जल्द समय सारिणी जारी नहीं करता, तो शिक्षकों को लंबे समय तक अपने स्थानांतरण के लिए इंतजार करना पड़ सकता है। शिक्षकों की मांग है कि इस प्रक्रिया को तुरंत शुरू किया जाए ताकि वे अपने वांछित जिले में स्थानांतरित हो सकें और अपने कार्यस्थल पर बेहतर सेवाएं दे सकें।
अब देखना होगा कि शासन कब तक इस मामले में ठोस कदम उठाता है और शिक्षकों की परेशानी का समाधान करता है।