डिजिटल भुगतान में जबरदस्त उछाल, सालाना आधार पर 11.1% की वृद्धि

डिजिटल भुगतान में जबरदस्त उछाल, सालाना आधार पर 11.1% की वृद्धि

मुंबई। भारत में डिजिटल लेनदेन का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के अनुसार, सितंबर 2024 तक डिजिटल भुगतान में सालाना आधार पर 11.1% की वृद्धि दर्ज की गई है। डिजिटल ट्रांजेक्शन को मापने वाले RBI डिजिटल भुगतान सूचकांक (RBI-DPI) के आंकड़ों के मुताबिक, मार्च 2024 में यह सूचकांक 445.5 था, जो सितंबर 2024 में बढ़कर 465.33 हो गया।

डिजिटल भुगतान की वृद्धि के पीछे क्या कारण हैं?

रिपोर्ट के अनुसार, इस बढ़ोतरी का मुख्य कारण देशभर में डिजिटल भुगतान के बुनियादी ढांचे और भुगतान प्रदर्शन में सुधार है। RBI-DPI के आंकड़ों से पता चलता है कि UPI, मोबाइल बैंकिंग, इंटरनेट बैंकिंग और अन्य डिजिटल पेमेंट सिस्टम के बढ़ते उपयोग ने इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

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RBI-DPI क्या है?

भारतीय रिजर्व बैंक ने मार्च 2018 में डिजिटल भुगतान सूचकांक (RBI-DPI) विकसित किया था। यह सूचकांक विभिन्न अवधियों में डिजिटल भुगतान की गहराई और पहुंच को मापने के लिए पांच प्रमुख पैरामीटर्स पर आधारित है।

RBI-DPI के पांच प्रमुख पैरामीटर्स

  • भुगतान एन्बलर्स (Payment Enablers): डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने वाले कारक।
  • भुगतान अवसंरचना (Payment Infrastructure – Demand Side): उपभोक्ताओं द्वारा डिजिटल भुगतान की मांग।
  • भुगतान अवसंरचना (Payment Infrastructure – Supply Side): बैंकों और पेमेंट गेटवे द्वारा दी जाने वाली सेवाएं।
  • भुगतान प्रदर्शन (Payment Performance): डिजिटल भुगतान की संख्या और वॉल्यूम।
  • भुगतान उपभोक्ता अनुभव (Consumer Centricity): डिजिटल भुगतान को लेकर ग्राहकों की संतुष्टि और सुरक्षा।

UPI का योगदान

यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) भारत में डिजिटल भुगतान का सबसे लोकप्रिय माध्यम बन चुका है। सितंबर 2024 तक, UPI लेनदेन में जबरदस्त उछाल देखा गया, जिससे डिजिटल भुगतान की कुल वृद्धि को समर्थन मिला।

डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए उठाए गए कदम

  • आरबीआई और सरकार ने कैशलेस ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने के लिए कई पहल की हैं।
  • UPI, IMPS, RTGS जैसी सुविधाओं को अधिक सुरक्षित और सुलभ बनाया गया है।
  • कई सरकारी योजनाएं अब डिजिटल भुगतान से जुड़ी हुई हैं, जिससे इनका उपयोग बढ़ा है।

निष्कर्ष

डिजिटल भुगतान की वृद्धि भारत में डिजिटलीकरण और कैशलेस अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ते कदमों को दर्शाती है। UPI, नेट बैंकिंग और अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्म्स ने इसमें अहम भूमिका निभाई है। आने वाले वर्षों में, RBI और सरकार की ओर से डिजिटल भुगतान को और अधिक सुविधाजनक और सुरक्षित बनाने की दिशा में नए कदम उठाए जाने की उम्मीद है।

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