डूम्सडे क्लॉक 2025: प्रलय की घड़ी आधी रात के और करीब







डूम्सडे क्लॉक 2025: प्रलय की घड़ी आधी रात के और करीब

⏳ डूम्सडे क्लॉक 2025: प्रलय की घड़ी आधी रात के और करीब

परमाणु वैज्ञानिकों ने मंगलवार को डूम्सडे क्लॉक (प्रलय की घड़ी) को नए सिरे से सेट किया, और इस साल इसे आधी रात से 89 सेकंड पहले रखा गया है। यह पिछले साल से एक सेकंड कम है और अब तक के इतिहास में आधी रात के सबसे करीब पहुंच गई है।

यह प्रतीकात्मक घड़ी दर्शाती है कि हम दुनिया के विनाश के कितने करीब हैं। आधी रात (12 बजे) का समय इस बात का संकेत है कि अगर मानवता सही कदम नहीं उठाती, तो पृथ्वी पर जीवन के लिए गंभीर खतरा पैदा हो सकता है।


📜 क्या है डूम्सडे क्लॉक?

डूम्सडे क्लॉक एक प्रतीकात्मक घड़ी है, जिसे 1947 में बुलेटिन ऑफ द एटॉमिक साइंटिस्ट द्वारा बनाया गया था। इस घड़ी का उद्देश्य यह दिखाना है कि मानवता कितनी गंभीर वैश्विक खतरों का सामना कर रही है।

शुरुआत में, इसे केवल परमाणु युद्ध के जोखिम को मापने के लिए बनाया गया था, लेकिन 2007 में इसमें जलवायु परिवर्तन, जैविक खतरों और एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) जैसे कारकों को भी शामिल किया गया।

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यह घड़ी हर साल वैज्ञानिकों द्वारा अपडेट की जाती है और दुनिया की मौजूदा स्थिति के आधार पर समय बदला जाता है।


🌍 क्यों बदला गया घड़ी का समय?

वैज्ञानिकों ने 2025 के लिए घड़ी को 89 सेकंड पर सेट करने के कुछ प्रमुख कारण बताए:

  • ⚠️ यूक्रेन पर रूस का हमला और परमाणु हथियारों के उपयोग की बढ़ती आशंका।
  • ⚠️ इजराइल-हमास संघर्ष और वैश्विक शांति पर बढ़ता खतरा।
  • ⚠️ जलवायु परिवर्तन और प्राकृतिक आपदाओं में वृद्धि।
  • ⚠️ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का अनियंत्रित विकास और संभावित खतरे।
  • ⚠️ जैविक खतरों और महामारी जैसी स्थितियों का बढ़ता जोखिम।

बुलेटिन ऑफ द एटॉमिक साइंटिस्ट्स के विज्ञान एवं सुरक्षा बोर्ड के अध्यक्ष डेनियल होल्ज ने कहा:

“हमने घड़ी को आधी रात के करीब सेट किया है क्योंकि हम परमाणु जोखिम, जलवायु परिवर्तन, जैविक खतरों और एआई जैसी चुनौतियों पर पर्याप्त, सकारात्मक प्रगति नहीं देख रहे हैं।”

– डेनियल होल्ज


🕰️ पिछले वर्षों में डूम्सडे क्लॉक का समय

वर्ष घड़ी का समय (आधी रात से पहले)
1947 7 मिनट
1953 2 मिनट
1991 17 मिनट (अब तक का सबसे दूर)
2020 100 सेकंड
2023 90 सेकंड
2025 89 सेकंड (अब तक का सबसे करीब)

पिछले दो सालों (2023-2024) के लिए घड़ी को 90 सेकंड पर सेट किया गया था, लेकिन 2025 में इसे 89 सेकंड कर दिया गया है।


🚀 क्या मानवता इस संकट से बच सकती है?

वैज्ञानिकों का मानना है कि यदि विश्व के देश मिलकर काम करें, तो इस घड़ी को पीछे किया जा सकता है। इसके लिए:

  • परमाणु हथियारों की होड़ को रोकना होगा।
  • शांति वार्ता को बढ़ावा देना होगा।
  • जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए कठोर कदम उठाने होंगे।
  • एआई तकनीक का नैतिक उपयोग सुनिश्चित करना होगा।

यदि यह प्रयास किए जाएं, तो हम डूम्सडे क्लॉक को पीछे धकेल सकते हैं और मानवता को एक सुरक्षित भविष्य की ओर ले जा सकते हैं।


🔎 निष्कर्ष

डूम्सडे क्लॉक का समय 89 सेकंड कर दिया गया है, जो आधी रात के सबसे करीब है। यह संकेत देता है कि दुनिया गंभीर संकटों से गुजर रही है।

हमें व्यक्तिगत और वैश्विक स्तर पर परमाणु युद्ध, जलवायु परिवर्तन, और अन्य खतरों को कम करने के प्रयास करने चाहिए ताकि यह घड़ी पीछे जा सके और मानवता का भविष्य सुरक्षित हो सके।

क्या हम इस खतरे को टाल सकते हैं? यह हम सभी के प्रयासों पर निर्भर करता है! ⏳


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