🚀 इसरो ने मनाया 100वें मिशन का जश्न, सफलतापूर्वक लॉन्च किया NVS-2 सैटेलाइट
भारतीय अंतरिक्ष एवं अनुसंधान संगठन (ISRO) ने अपने 100वें मिशन का भव्य जश्न मनाया। इसरो ने उन्नत नेविगेशन सैटेलाइट एनवीएस-2 को सफलतापूर्वक प्रक्षेपित कर भारत के अंतरिक्ष इतिहास में एक और उपलब्धि जोड़ दी। इस सैटेलाइट से जमीनी, हवाई और समुद्री नेविगेशन पहले से अधिक सटीक होगा।
📡 श्रीहरिकोटा से हुआ सफल प्रक्षेपण
एनवीएस-2 सैटेलाइट को श्रीहरिकोटा स्थित अंतरिक्ष केंद्र से 50.9 मीटर लंबे जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (GSLV) के माध्यम से बुधवार सुबह 6:23 बजे लॉन्च किया गया। लगभग 19 मिनट के भीतर रॉकेट ने सैटेलाइट को जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट (GTO) में सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया।
यह भारतीय नेविगेशन तंत्र स्थापित करने की श्रृंखला में दूसरा उपग्रह है। इससे भारतीय उपमहाद्वीप और 1500 किमी के दायरे में उपयोगकर्ताओं को सटीक स्थिति, गति और समय की जानकारी मिलेगी।
🌍 भारत का अपना नेविगेशन सिस्टम – ‘नाविक’
नाविक (NavIC) को अमेरिका के GPS, चीन के BeiDou, यूरोप के Galileo और रूस के GLONASS का जवाब माना जाता है। इस प्रणाली का उद्देश्य भारत और इसके आसपास के क्षेत्रों में विश्वसनीय और सटीक नेविगेशन सुविधा प्रदान करना है।
नाविक के तहत पहला सैटेलाइट एनवीएस-01 को 29 मई 2023 को सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया था।
🚀 वर्ष 2025 का पहला सफल मिशन
यह प्रक्षेपण वर्ष 2025 में इसरो का पहला मिशन है और इसरो अध्यक्ष वी. नारायणन के नेतृत्व में पहली बड़ी उपलब्धि भी है।
एनवीएस-02 सैटेलाइट को बेंगलुरु स्थित यू. आर. राव सैटेलाइट सेंटर ने डिजाइन और विकसित किया है।
📊 एनवीएस-02 सैटेलाइट से मिलने वाले फायदे
- ✅ कृषि संबंधित डेटा का संग्रह और विश्लेषण।
- ✅ उपग्रहों के सटीक कक्षा निर्धारण में सहायता।
- ✅ मोबाइल फोन में लोकेशन आधारित सेवाओं को और आसान बनाना।
- ✅ आपातकालीन सेवाओं में त्वरित और सटीक लोकेशन जानकारी।
🎙️ इसरो और भारत के लिए ऐतिहासिक क्षण
यह अविश्वसनीय उपलब्धि हमारे वैज्ञानिकों और इंजीनियरों की दूरदर्शिता, समर्पण और प्रतिबद्धता को दिखाती है। निजी क्षेत्र के साथ मिलकर काम करने से भारत की अंतरिक्ष यात्रा नई ऊंचाइयों को छूती रहेगी।
– नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री
यह मिशन भारत के लिए मील का पत्थर है और आपातकालीन सेवाओं के लिहाज से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।
– वी. नारायणन, इसरो अध्यक्ष
🏆 निष्कर्ष
इसरो का 100वां मिशन एक ऐतिहासिक उपलब्धि साबित हुआ है। एनवीएस-2 के सफल प्रक्षेपण ने भारत को सटीक और आत्मनिर्भर नेविगेशन सिस्टम की दिशा में और मजबूत बना दिया है।
इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए इसरो के सभी वैज्ञानिकों को बधाई!