सुप्रीम कोर्ट: पुलिस व्हाट्सऐप, ई-मेल से नोटिस नहीं भेज सकती









सुप्रीम कोर्ट: पुलिस व्हाट्सऐप, ई-मेल से नोटिस नहीं भेज सकती

सुप्रीम कोर्ट: पुलिस व्हाट्सऐप और ई-मेल से नोटिस नहीं भेज सकती

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए कहा कि आपराधिक मामलों में पुलिस व्हाट्सऐप या ई-मेल जैसे इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों का उपयोग करके नोटिस जारी नहीं कर सकती। अदालत ने स्पष्ट किया कि सीआरपीसी की धारा 41ए और बीएनएसएस की धारा 35 के तहत निर्धारित प्रक्रिया का पालन करना अनिवार्य है।

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सीआरपीसी और बीएनएसएस के तहत प्रक्रिया

सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस एम.एम. सुंदरेश और जस्टिस राजेश बिंदल की पीठ ने सभी राज्यों की पुलिस को निर्देश दिया कि वे सिर्फ कानून द्वारा निर्धारित प्रक्रिया के तहत ही नोटिस जारी करें। पीठ ने यह भी कहा कि धारा 160, 179, और 195 के तहत ही आरोपी को पूछताछ या थाने में उपस्थिति के लिए बुलाया जा सकता है।

अदालत ने स्पष्ट किया कि व्हाट्सऐप, ई-मेल या अन्य इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से नोटिस भेजना कानूनी प्रक्रिया का विकल्प नहीं हो सकता। बीएनएसएस (भारतीय राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा संरचना) में इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों का उपयोग सिर्फ जांच या परीक्षण के लिए सीमित है।

कानूनी प्रक्रिया का पालन सुनिश्चित करने की अपील

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कानून में निर्धारित प्रक्रिया के माध्यम से ही नोटिस की तामील सुनिश्चित की जाए। यह फैसला पुलिस द्वारा इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों का दुरुपयोग रोकने के उद्देश्य से लिया गया है। इससे यह सुनिश्चित होगा कि आरोपी को नोटिस सही और वैध तरीके से तामील हो।

सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला कानूनी प्रक्रिया की पारदर्शिता और सटीकता बनाए रखने की दिशा में एक अहम कदम है। यह फैसला पुलिस को कानूनी दायरे में रहकर कार्य करने के लिए बाध्य करता है और नागरिक अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करता है।


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