डीबीटी के लिए अभिभावकों के खाते आधार से लिंक कराएं
लखनऊ: बेसिक शिक्षा विभाग ने आगामी सत्र 2025-26 की तैयारियां शुरू कर दी हैं। इसके अंतर्गत परिषदीय विद्यालयों के बच्चों को जूता, मोजा, बैग, स्वेटर, और यूनिफॉर्म जैसी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) प्रक्रिया को सुगम बनाने के निर्देश दिए गए हैं।
डीबीटी प्रक्रिया की तैयारियां
बेसिक शिक्षा निदेशक प्रताप सिंह बघेल ने सभी जिलों को निर्देश दिया है कि बच्चों के अभिभावकों के बैंक खाते को आधार से लिंक कराया जाए। यह सुनिश्चित करने के लिए यह कदम उठाया गया है कि नए सत्र में डीबीटी के माध्यम से लाभार्थियों को 1200 रुपये की राशि उनके खाते में समय पर पहुंच सके।
अभिभावकों के खाते आधार से लिंक कराने की आवश्यकता
वर्तमान सत्र में कई अभिभावकों के खाते आधार से लिंक न होने के कारण डीबीटी प्रक्रिया बाधित हुई थी। इस समस्या को ध्यान में रखते हुए, निदेशक ने इसे प्राथमिकता के साथ पूरा करने को कहा है। प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में कक्षा 1 से 8 तक लगभग 1.54 करोड़ बच्चे पढ़ते हैं, जिन्हें यह आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है।
शिक्षकों को अन्य कार्यों से दूर रखने की मांग
उत्तर प्रदेश बीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव ने सुझाव दिया है कि शिक्षकों को आधार बनवाने और खातों को आधार से लिंक कराने जैसे कार्यों में न लगाया जाए, क्योंकि इसका सीधा असर उनके पठन-पाठन के कार्यों पर पड़ता है।
माध्यमिक विद्यालयों में स्वमूल्यांकन
बेसिक शिक्षा के साथ-साथ अब माध्यमिक विद्यालयों की गुणवत्ता का भी स्वमूल्यांकन किया जाएगा। इस प्रक्रिया के तहत विद्यालयों की आवश्यक जरूरतों और पठन-पाठन की गुणवत्ता का मूल्यांकन किया जाएगा। माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. महेंद्र देव ने सभी डीआईओएस को 20 जनवरी तक इस संबंध में जानकारी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।