शिक्षकों के हजारों पद रिक्त, नई भर्तियों का पता नहीं
स्थान: प्रयागराज | तिथि: 18 जनवरी 2025
उत्तर प्रदेश में शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया वर्षों से ठप पड़ी है, जिससे हजारों पद रिक्त हैं। प्रतियोगी छात्र-छात्राएं लगातार प्रयागराज और लखनऊ में धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं, उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग ने विभागीय प्रमुखों से अधियाचन (ई-अधियाचन) मांगा है, लेकिन अब तक इसे प्राप्त नहीं किया जा सका है।
एडेड माध्यमिक विद्यालयों में भर्तियों की स्थिति
एडेड माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाचार्य पद की भर्ती वर्ष 2013 में आई थी, लेकिन यह प्रक्रिया अभी तक पूरी नहीं हो पाई है। पिछले 10 वर्षों से भर्ती प्रक्रिया न होने के कारण 3000 से अधिक प्रधानाचार्य पद रिक्त हैं।
टीजीटी-पीजीटी भर्ती (प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक और प्रवक्ता संवर्ग) की बात करें तो वर्ष 2021 में चयन बोर्ड ने परीक्षा कराई थी। हालांकि, 2022 में नई भर्ती के लिए आवेदन लिए गए, लेकिन परीक्षा अब तक नहीं हो सकी है। इससे 30,000 से अधिक पद रिक्त पड़े हैं।
बेसिक शिक्षा में भी भर्तियां ठप
बेसिक शिक्षा में भी पिछले छह वर्षों से शिक्षक भर्तियां नहीं हुई हैं। हर साल सेवानिवृत्ति के कारण रिक्तियां बढ़ती जा रही हैं, लेकिन नई भर्तियों की प्रक्रिया अधर में है। शिक्षा मंत्री ने विधानसभा में बताया कि शिक्षक-छात्र अनुपात विद्यालयों में निर्धारित मानकों के अनुसार है, जिससे नई भर्ती पर प्रश्नचिह्न लग गया है।
अटल आवासीय विद्यालयों की स्थिति
अटल आवासीय विद्यालयों में 200 से अधिक पदों का सृजन हुआ है। लेकिन, अर्हता और नियमावली को लेकर प्रक्रिया रुकी हुई है। इस कारण इन विद्यालयों में भी शिक्षक पद रिक्त हैं।
बैठकों और पत्राचार के बावजूद समाधान नहीं
4 जनवरी 2025 को शिक्षा सेवा चयन आयोग की अध्यक्ष प्रो. कीर्ति पाण्डेय ने बेसिक, माध्यमिक, उच्च शिक्षा निदेशकों और अन्य विभागीय प्रमुखों की बैठक बुलाई। इसमें ई-अधियाचन जल्द भेजने पर चर्चा हुई। हालांकि, तकनीकी दिक्कतों और अर्हता संबंधी मुद्दों के कारण कोई ठोस निर्णय नहीं हो सका।
इसके अतिरिक्त परीक्षा नियंत्रक देवेंद्र प्रताप सिंह भी अधियाचन भेजने के लिए पत्राचार कर चुके हैं। लेकिन, अब तक स्थिति जस की तस बनी हुई है।
छात्र-छात्राओं में निराशा
भर्ती प्रक्रिया में देरी के कारण प्रतियोगी छात्र-छात्राओं में निराशा है। वे लगातार प्रदर्शन कर सरकार से रिक्त पदों को भरने की मांग कर रहे हैं। भर्ती प्रक्रिया शुरू न होने से प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था पर भी प्रश्न उठ रहे हैं।