8वां वेतन आयोग: सिफारिशें और भारत में वेतन आयोगों का इतिहास
1 जनवरी 2026 से लागू होने वाले 8वें वेतन आयोग की सिफारिशों और भारत में अब तक के वेतन आयोगों की विस्तृत जानकारी।
8वें वेतन आयोग की संभावित सिफारिशें
- न्यूनतम वेतन वृद्धि: वर्तमान ₹18,000 से बढ़ाकर ₹41,000 करने की संभावना है।
- फिटमेंट फैक्टर: 2.57 से बढ़ाकर 2.86 किया जा सकता है, जिससे बेसिक सैलरी में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।
- महंगाई भत्ता (DA): 2026 तक 70% तक पहुंचने की उम्मीद है।
स्रोत: सरल जिंदगी
भारत में वेतन आयोगों का इतिहास
स्वतंत्रता के बाद से, भारत में सात वेतन आयोग गठित किए गए हैं, जिनका उद्देश्य केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के वेतन, भत्ते और पेंशन की समीक्षा करना है।
वेतन आयोग | स्थापना वर्ष | न्यूनतम सैलरी | वृद्धि (%) | लाभार्थी कर्मचारी |
---|---|---|---|---|
1. प्रथम वेतन आयोग | 1946 | ₹55 | 15% | 15 लाख |
2. द्वितीय वेतन आयोग | 1959 | ₹80 | 14% | 25 लाख |
3. तृतीय वेतन आयोग | 1973 | ₹185 | 19% | 30 लाख |
4. चतुर्थ वेतन आयोग | 1986 | ₹750 | 30% | 35 लाख |
5. पंचम वेतन आयोग | 1997 | ₹2,550 | 40% | 30 लाख |
6. षष्ठम वेतन आयोग | 2008 | ₹7,000 | 16-22% | 60 लाख |
7. सप्तम वेतन आयोग | 2016 | ₹18,000 | 30-40% | 1 करोड़ |
स्रोत: दृष्टि IAS
फिटमेंट फैक्टर का महत्व
फिटमेंट फैक्टर वह गुणांक है जिसके माध्यम से कर्मचारियों की बेसिक सैलरी में वृद्धि की जाती है। 7वें वेतन आयोग में यह 2.57 था, जिसे 8वें वेतन आयोग में बढ़ाकर 2.86 करने की संभावना है। उदाहरण के लिए, यदि किसी कर्मचारी की वर्तमान बेसिक सैलरी ₹20,000 है, तो नए फिटमेंट फैक्टर के साथ यह ₹57,200 हो जाएगी।
स्रोत: सरल जिंदगी
8वें वेतन आयोग की आवश्यकता
केंद्रीय कर्मचारियों के संगठनों ने महंगाई और जीवन-यापन की बढ़ती लागत को ध्यान में रखते हुए 8वें वेतन आयोग के गठन की मांग की है। उनका मानना है कि हर 10 वर्ष में वेतन आयोग का गठन होना चाहिए, ताकि कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति में सुधार हो सके।
स्रोत: नवभारत टाइम्स