असाधारण अवकाश: नियम व शर्तें
सरकारी कर्मचारियों के लिए असाधारण अवकाश (Extraordinary Leave) का नियम उनके सेवाकाल में विशेष परिस्थितियों में आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए बनाया गया है। यहां इस अवकाश के मुख्य नियम और शर्तें दी गई हैं।
असाधारण अवकाश का उद्देश्य और सीमा
01: असाधारण अवकाश का लाभ केवल स्थायी कर्मचारियों को उनके पूरे सेवाकाल में
अधिकतम 5 वर्ष तक के लिए दिया जाता है। यह अवकाश विशेष परिस्थितियों में, जैसे बीमारी, अध्ययन या जनहित कार्यों के लिए, प्रदान किया जाता है।
परिवीक्षा काल में अवकाश की सीमा
02: अगर कोई कर्मचारी परिवीक्षा काल में है, तो उसे एक बार में 3 माह से अधिक का अवकाश नहीं दिया जा सकता।
इस नियम का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कर्मचारी प्रारंभिक सेवा अवधि में अपनी जिम्मेदारियों को निभाए।
अवकाश वेतन से संबंधित नियम
03: असाधारण अवकाश की अवधि के दौरान किसी भी प्रकार का अवकाश वेतन देय नहीं होता है।
यह अवकाश वेतनरहित होता है और इसे केवल विशेष परिस्थितियों में ही लिया जा सकता है।
आवेदन प्रक्रिया
04: जब भी आवश्यकता हो, कर्मचारी अवकाश के लिए आवेदन कर सकता है।
इस प्रक्रिया में किसी प्रकार का प्रतिबंध लागू नहीं होता है, लेकिन आवेदन को समय पर अनुमोदित कराना आवश्यक है।
अवकाश के उद्देश्य और स्थान
05: यह अवकाश बीमारी, अध्ययन और जनहित कार्यों के लिए
देश के अंदर और बाहर दोनों परिस्थितियों में लिया जा सकता है। यह सुविधा सरकारी कर्मचारियों को उनके व्यक्तिगत और पेशेवर विकास के लिए दी जाती है।
अनुमोदन की प्रक्रिया
06: असाधारण अवकाश के लिए आवेदन प्रक्रिया निम्नलिखित है:
- कर्मचारी द्वारा प्रधानाध्यापक/इंचार्ज के पोर्टल पर आवेदन किया जाएगा।
- प्रधानाध्यापक/इंचार्ज इसे खंड शिक्षा अधिकारी (BEO) को अग्रेषित करेंगे।
- BEO द्वारा आवेदन 5 दिवस के भीतर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) को भेजा जाएगा।
- BSA 5 दिवस के भीतर अवकाश को स्वीकृत या अस्वीकृत करने का निर्णय लेंगे।
इस प्रक्रिया को सुगम और पारदर्शी बनाने के लिए समय-सीमा का निर्धारण किया गया है।