तबादला लेने वाले शिक्षक अपने संवर्ग में होंगे सबसे कनिष्ठ
**लखनऊ।** उत्तर प्रदेश सरकार ने **सहायता प्राप्त (एडेड) महाविद्यालयों के शिक्षकों** के लिए संशोधित **तबादला नियमावली** जारी कर दी है। इसमें यह स्पष्ट किया गया है कि **तबादला पाने वाले शिक्षक** अपने **संवर्ग के सबसे कनिष्ठ** माने जाएंगे। यदि दो शिक्षक एक ही तिथि को कार्यभार ग्रहण करते हैं, तो उनमें से **ज्येष्ठ जन्मतिथि वाले शिक्षक को वरिष्ठता** दी जाएगी।
शासन ने शिक्षकों को राहत देते हुए तबादले के लिए न्यूनतम सेवा अवधि को **पांच साल से घटाकर तीन साल** कर दिया है। हालांकि, यह सुविधा शिक्षकों को **पूरी सेवा अवधि में केवल एक बार** दी जाएगी। **उच्च शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव महेंद्र प्रसाद अग्रवाल** ने बताया कि शिक्षकों का तबादला केवल उन पदों पर किया जाएगा, जिनका वेतन लेखा विभाग द्वारा जारी किया जाता है।
प्रबंधतंत्र की सहमति अनिवार्य
तबादले के लिए आवेदन करने से पहले प्रबंधतंत्र की **लिखित सहमति** आवश्यक होगी। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि शिक्षक के खिलाफ **कोई जांच या कार्रवाई लंबित न हो**। एकल या परस्पर तबादले के लिए आवेदन उच्च शिक्षा निदेशक को दिया जाएगा, जो इसे **एक माह के भीतर शासन को भेजेंगे।**
आरक्षण और अन्य प्रावधान
**अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों** में **आरक्षण व्यवस्था** यथावत लागू रहेगी। एकल तबादला केवल उसी श्रेणी में खाली पद पर किया जाएगा। **नई पेंशन योजना** के तहत आने वाले शिक्षकों को अपना आवेदन क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी (डीडीओ) को देना होगा।
लोक सेवा आयोग में रिक्त पदों के लिए आवेदन
**उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग** में रिक्त चल रहे **चार सदस्यीय पदों** को भरने के लिए **कार्मिक विभाग** ने अधिसूचना जारी की है। आयोग में कुल आठ सदस्य होते हैं, जिनमें से चार पद खाली हैं। इन पदों को जल्द भरे जाने की उम्मीद है।