आगामी बजट को लेकर लोगों की प्रतिक्रिया: आयकर दरें घटें, रोजगार को प्राथमिकता मिले
लेखक: शुजा असरार
मिंट ने किया खास सर्वेक्षण
आगामी बजट को लेकर लोगों की राय जानने के लिए मिंट ने एक विशेष सर्वेक्षण आयोजित किया। इस सर्वेक्षण के नतीजे स्पष्ट रूप से दर्शाते हैं कि लोग आयकर दरों में कमी और रोजगार सृजन को प्राथमिकता देने की मांग कर रहे हैं। यह सर्वेक्षण नवंबर और दिसंबर 2024 में ऑनलाइन आयोजित किया गया था और इसमें 7,051 उत्तरदाताओं ने हिस्सा लिया।
आयकर दरों में कमी की मांग
सर्वेक्षण के निष्कर्षों के मुताबिक, लोग चाहते हैं कि आगामी बजट में आयकर दरों में ढील दी जाए। खासकर वेतनभोगी वर्ग इस बदलाव को लेकर काफी निराश दिखाई दिए। सर्वे में यह भी देखा गया कि बड़ी संख्या में लोग पुरानी कर व्यवस्था को पसंद करते हैं, जिसमें कर छूट भी दी जाती थी। हालांकि, नई कर व्यवस्था पर मिली-जुली राय थी।
रोजगार सृजन पर विशेष ध्यान
सर्वेक्षण में रोजगार सृजन को सबसे बड़ी प्राथमिकता दी गई। 73% लोगों ने कहा कि सरकार को आगामी बजट में रोजगार सृजन को सबसे ज्यादा प्राथमिकता देनी चाहिए। यह आंकड़ा विशेष रूप से 18-25 वर्ष की आयु वर्ग और छात्रों में थोड़ा कम था, लेकिन फिर भी अधिकांश लोगों ने रोजगार को महत्वपूर्ण माना।
लोकलुभावन योजनाओं पर राय
लोकलुभावन योजनाओं के बारे में लोगों की राय विभाजित रही। सर्वे में 41% लोगों ने माना कि उपभोग में मंदी के दौरान लोकलुभावन बजट दिया जाना चाहिए, जबकि 38% लोगों ने इससे असहमत意见 व्यक्त किया। शेष 21% ने इस मुद्दे पर कोई निर्णय नहीं लिया। पुरुषों की तुलना में महिलाएं कम लोकलुभावन बजट के पक्ष में थीं।
सर्वेक्षण के परिणाम और आगामी बजट
सर्वेक्षण ने यह भी दिखाया कि आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत अधिक छूट की उम्मीद की जा रही थी। इस सर्वे में शामिल उत्तरदाताओं में से अधिकांश लोग सरकार से आगामी बजट में आयकर दरों में बदलाव की उम्मीद कर रहे हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को सर्वेक्षण के निष्कर्षों की अग्रिम प्रति इस महीने की शुरुआत में प्रस्तुत की गई थी।
सर्वेक्षण में शामिल प्रमुख आंकड़े
सवाल | उत्तरदाता का प्रतिशत |
---|---|
रोजगार सृजन पर प्राथमिकता | 73% |
पुरानी कर व्यवस्था पसंद | 55% |
लोकलुभावन बजट के पक्ष में | 41% |
आयकर दरों में कमी की मांग | 42% |