लखनऊ मंडल में महीनों से गायब हैं 270 शिक्षामित्र
रिपोर्ट: रविशंकर गुप्ता | स्थान: लखनऊ
50 हजार बच्चों की पढ़ाई प्रभावित
लखनऊ मंडल के सरकारी स्कूलों में 270 शिक्षामित्र लंबे समय से अवैतनिक अवकाश पर हैं।
इससे न केवल बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है, बल्कि विद्यालयों में स्टाफ की भी भारी कमी बनी हुई है।
लखनऊ, हरदोई, सीतापुर, लखीमपुर, उन्नाव और रायबरेली जैसे जिलों में स्थिति चिंताजनक है।
प्रधानाध्यापकों ने विभाग में शिकायतें दर्ज करवाईं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
काम की बजाय दूसरे कार्यों में व्यस्त
मंडल के करीब 12 हजार शिक्षामित्रों में से 270 शिक्षामित्र लंबे समय से अपने कार्यस्थलों से नदारद हैं।
प्रधानाध्यापकों के अनुसार, ये शिक्षामित्र दूसरे कार्यों में लगे हुए हैं और सिर्फ नौकरी बचाने के लिए अवैतनिक अवकाश पर चल रहे हैं।
मौजूदा मानदेय से असंतुष्ट शिक्षामित्र दूसरे काम करके ज्यादा आय कमा रहे हैं, लेकिन इससे 50 हजार बच्चों का भविष्य प्रभावित हो रहा है।
मानदेय नहीं बढ़ा, मजबूर हैं शिक्षामित्र
वर्ष 2017 में कोर्ट के आदेश के बाद शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक पद से हटाकर मूल पद पर भेज दिया गया था।
तब से अब तक उन्हें केवल 10 हजार रुपये प्रति माह मानदेय मिल रहा है।
प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के महामंत्री कौशल कुमार सिंह के अनुसार, इतने कम मानदेय पर शिक्षामित्र अपने परिवार का भरण-पोषण नहीं कर पा रहे हैं।
मजबूरी में वे अवैतनिक अवकाश लेकर दूसरे कार्य करने पर मजबूर हैं।
शिक्षामित्रों की सूची मांगी गई
लखनऊ मंडल के बेसिक शिक्षा अधिकारियों से शिक्षामित्रों की सूची मांगी गई है।
एडी बेसिक श्याम किशोर तिवारी ने बताया कि जो शिक्षामित्र बार-बार अवकाश पर जा रहे हैं, उनकी सेवा समाप्त की जाएगी।
जिलावार शिक्षामित्रों की स्थिति कुछ इस प्रकार है:
- लखनऊ: 42
- हरदोई: 36
- सीतापुर: 45
- लखीमपुर खीरी: 28
- रायबरेली: 48
- उन्नाव: 50