तदर्थ शिक्षकों के मामले में लापरवाही पर शासन सख्त









तदर्थ शिक्षकों के मामले में लापरवाही पर शासन सख्त

तदर्थ शिक्षकों के मामले में लापरवाही पर शासन सख्त

लखनऊ। प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) माध्यमिक विद्यालयों में वर्ष 2000 तक नियुक्त तदर्थ शिक्षकों के नियमितीकरण और वेतन भुगतान के मामलों में लापरवाही पर शासन ने सख्त रुख अपनाया है।

शासन ने मांगा लापरवाही करने वालों का विवरण

शासन ने माध्यमिक शिक्षा निदेशक से इस मामले में लापरवाही करने वाले मंडलीय समिति के अधिकारियों को चिह्नित कर उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही का प्रस्ताव मांगा है।

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तदर्थ शिक्षकों के नियमितीकरण के निर्देश

माध्यमिक शिक्षा विभाग के विशेष सचिव कृष्ण कुमार गुप्त ने निर्देश दिया है कि वर्ष 2000 तक नियमानुसार नियुक्त तदर्थ शिक्षकों के नियमितीकरण के प्रकरण जल्द से जल्द निस्तारित किए जाएं। साथ ही, इन शिक्षकों का वेतन भुगतान प्रकरण की निस्तारण तिथि तक किया जाए।

लापरवाही का संज्ञान

शासन के संज्ञान में आया है कि मंडलीय समिति द्वारा इन प्रकरणों पर अभी तक विचार नहीं किया गया है। कार्यवाही में देरी के कारण तदर्थ शिक्षकों को राजकोष से भुगतान किया जा रहा है। यह मामला एक महीने में निस्तारित हो जाना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

वेतन वसूली की चेतावनी

शासन ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द कार्यवाही नहीं हुई तो लापरवाही करने वाली मंडलीय समिति से ही वेतन की वसूली की जाएगी। साथ ही, उन्होंने लंबित प्रकरणों की जानकारी जल्द से जल्द उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।

वेतन कार्य सत्यापन की समीक्षा

शासन ने यह भी सवाल किया है कि वेतन कार्य सत्यापन के बाद भी भुगतान क्यों नहीं किया गया। इस संदर्भ में भी संबंधित अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा गया है।

Source: ब्यूरो रिपोर्ट


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