साइबर ठगी के बड़े नेटवर्क का राजफाश, 2000 करोड़ ठगे
मध्य प्रदेश में साइबर पुलिस और एटीएस ने ठगों के अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क का पर्दाफाश किया।
2000 करोड़ रुपये की ठगी का खुलासा
मध्य प्रदेश में साइबर ठगी के एक बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश हुआ है। साइबर पुलिस और एटीएस के अधिकारियों ने इस नेटवर्क द्वारा करीब 2000 करोड़ रुपये की ठगी का अनुमान लगाया है। इस ठगी नेटवर्क से जुड़े 23 आरोपितों को सतना, जबलपुर, हैदराबाद और गुरुग्राम से गिरफ्तार किया गया है। जांच में खुलासा हुआ है कि ठगों ने हवाला, क्रिप्टो करेंसी, और अन्य माध्यमों का उपयोग कर धनराशि को विदेशों में भेजा है।
टेरर फंडिंग की आशंका
जांच अधिकारियों को इस बात के सबूत मिले हैं कि ठगी के पैसे को दुबई और अन्य देशों में भेजा गया। इसे टेरर फंडिंग से जोड़कर देखा जा रहा है। पुलिस ने मामले की गहन जांच शुरू कर दी है ताकि ठगी के सभी पहलुओं और इसके अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन को समझा जा सके।
ठगी का तरीका
ठगों का मुख्य तरीका था सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के नाम पर लोगों के बैंक खाते खुलवाना। ये खाते आमतौर पर बीपीएल श्रेणी के लोगों के होते थे। ठग चालाकी से इन खातों में अपना मोबाइल नंबर दर्ज करवाते थे ताकि लेन-देन पर उनका नियंत्रण रहे। इसके अलावा, ऑनलाइन गेमिंग के माध्यम से भी ठगी की गई।
गिरफ्तारियां और कार्रवाई
जबलपुर साइबर पुलिस ने 7 जनवरी को सतना और जबलपुर से 12 आरोपितों को गिरफ्तार किया। अगले दिन 6 अन्य को पकड़ा गया। इसके साथ ही, मध्य प्रदेश एटीएस ने गुरुग्राम के एक फ्लैट में दबिश देकर 6 संदिग्धों को हिरासत में लिया। इनमें से एक संदिग्ध की मौत हो गई, जबकि अन्य पांच को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
आगे की जांच
पुलिस का कहना है कि ठगी नेटवर्क का पूरा जाल सामने लाने के लिए जांच तेज कर दी गई है। अधिकारियों ने संकेत दिए हैं कि इस नेटवर्क के अंतरराष्ट्रीय संबंध और अन्य गतिविधियां जल्द ही उजागर होंगी।
