संघर्ष से क्रांति की ओर: शीतकालीन अवकाश बढ़ाने की मांग
**यूनाइटेड टीचर्स एसोसिएशन की पहल**
उत्तर प्रदेश में इस वर्ष ठंड और शीतलहर ने आम जनजीवन को प्रभावित किया है।
**यूनाइटेड टीचर्स एसोसिएशन (यूटा)**, जो प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा तक के शिक्षकों और कर्मचारियों का एकमात्र महासंघ है,
ने इस गंभीर स्थिति को ध्यान में रखते हुए शीतकालीन अवकाश बढ़ाने की मांग की है।
**क्या है मामला?**
वर्तमान में, उ०प्र० बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा 31 दिसंबर 2024 से 14 जनवरी 2025 तक
शीतकालीन अवकाश निर्धारित किया गया है। हालांकि, कड़ाके की ठंड और शीतलहर के चलते 15 जनवरी से
विद्यालय खुलने पर छात्रों के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
यूटा ने इस पर चिंता जताते हुए अवकाश को आगे बढ़ाने का सुझाव दिया है।
**यूटा के वरिष्ठ पदाधिकारी**
- राष्ट्रीय अध्यक्ष: राजऋषि शिवराज सिंह (जे.पी. सिंह)
- प्रदेश संयोजक: विजय कुमार पटेल (फोन: 9794258761)
- प्रदेश अध्यक्ष: डॉ. रमाकांत शुक्ला (फोन: 7355655769)
- प्रदेश महामंत्री: डॉ. हेमंत सिंह (फोन: 9140208903)
- कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष: राजेंद्र राजपूत (फोन: 6387211601)
**मांग का आधार**
यूटा का मानना है कि बच्चों की सेहत और सुरक्षा को प्राथमिकता देना अत्यावश्यक है।
शीतलहर और कड़ाके की ठंड में विद्यालय आने-जाने के दौरान छात्रों को स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
इसी कारण, शीतकालीन अवकाश को कम से कम एक सप्ताह और बढ़ाने का प्रस्ताव दिया गया है।
**यूटा का पत्र सचिव को**
13 जनवरी 2025 को **पत्रांक 116/2024-25** के तहत,
यूटा ने उ०प्र० बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव को इस विषय पर पत्र भेजा है।
पत्र में शीतकालीन अवकाश बढ़ाने के लिए अनुरोध करते हुए इसे छात्रों के हित में एक आवश्यक कदम बताया गया है।
**प्रतिलिपि के माध्यम से अपील**
यूटा ने इस पत्र की प्रतिलिपि प्रमुख शिक्षा अधिकारियों को भी भेजी है, जिसमें
माननीय संदीप सिंह जी (बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री),
महानिदेशक, स्कूल शिक्षा, और
प्रमुख सचिव, बेसिक शिक्षा शामिल हैं।
यह सुनिश्चित करने की अपील की गई है कि छात्रों की भलाई को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए।
**निष्कर्ष**
यूनाइटेड टीचर्स एसोसिएशन की इस पहल से बच्चों और उनके अभिभावकों को राहत मिलने की उम्मीद है।
राज्य सरकार से यह अनुरोध है कि वह इस मांग पर गंभीरता से विचार करे और शीघ्र निर्णय ले।
बच्चों की सुरक्षा और स्वास्थ्य हमेशा प्राथमिकता होनी चाहिए।