पिता पर आश्रित न होने पर भी अनुकंपा नियुक्ति से इनकार नहीं: कैट









पिता पर आश्रित न होने पर भी अनुकंपा नियुक्ति से इनकार नहीं: कैट

पिता पर आश्रित न होने पर भी अनुकंपा नियुक्ति से इनकार नहीं: कैट

प्रयागराज। केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (कैट) ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए कहा कि मृतक पिता पर आश्रित न होने के आधार पर अनुकंपा नियुक्ति से इनकार नहीं किया जा सकता। यह निर्णय झांसी निवासी एक व्यक्ति के मामले में दिया गया।

मामले का विवरण

झांसी निवासी मुकेश कुमार ने कैट में याचिका दायर कर अपने आवेदन को खारिज किए जाने को चुनौती दी थी। उनके पिता रामनाथ रेलवे के झांसी डिवीजन में ट्रैकमैन के पद पर कार्यरत थे। 27 जनवरी 2018 को उनकी मृत्यु हो गई।

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मुकेश कुमार के बड़े भाई ने पहले अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन किया था, जिसे 21 जून 2018 को खारिज कर दिया गया। इसके बाद मुकेश ने 26 सितंबर 2022 को अपना आवेदन दिया, जिसे भी निरस्त कर दिया गया।

अधिकारियों का निर्णय

इस मामले में मुकेश कुमार के वकील अरुण कुमार गुप्ता ने दलील दी कि याची के आवेदन को गलत तरीके से खारिज किया गया। उन्होंने कहा कि याची वयस्क और विवाहित है, और ये तथ्य उसके आवेदन को निरस्त करने का आधार नहीं हो सकते।

वहीं, रेलवे के वकील ने निरस्तीकरण को सही ठहराते हुए याचिका खारिज करने की मांग की।

कैट का आदेश

कैट के न्यायमूर्ति ओम प्रकाश सप्तम ने याचिका स्वीकार करते हुए रेलवे प्रशासन को याची के आवेदन पर नए सिरे से विचार करने का निर्देश दिया। न्यायालय ने स्पष्ट किया कि मृतक पिता पर आश्रित न होने और पहले आवेदन के निरस्तीकरण को नए आवेदन को खारिज करने का आधार नहीं बनाया जा सकता।

निष्कर्ष

यह निर्णय अनुकंपा नियुक्ति के मामलों में अन्य आवेदकों के लिए एक मिसाल बन सकता है। कैट ने स्पष्ट किया कि कानूनी और मानवीय आधार पर आवेदन का उचित परीक्षण करना आवश्यक है।


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