खौफ: बाघ है तो बरात नहीं…
संवाददाता: अमित पांडेय/पंकज विश्वकर्मा |
बाघ के खौफ से प्रभावित वैवाहिक कार्यक्रम
लखनऊ के रहमानखेड़ा में बाघ की दहशत ने लोगों की जिंदगी पर गहरा प्रभाव डाला है। नए साल का जश्न फीका पड़ने के बाद, अब लोग 16 जनवरी से शुरू हो रहे सहालग के मांगलिक कार्यक्रमों को लेकर असमंजस में हैं।
कई लोग शादी की तिथि बढ़ा रहे हैं तो कुछ अतिथियों के आने को लेकर दुविधा में हैं। जिनकी शादी पहले से तय है, वे बुकिंग और इंतजाम करने में हिचकिचा रहे हैं।
शादी की तैयारियों पर असर
इमलिया गांव: विवाह की तिथि बढ़ाई
इमलिया गांव की सुमिरती का विवाह जनवरी में तय था, लेकिन बाघ के खौफ से अब तिथि बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। उनके पिता दिनेश ने बताया कि 26 जनवरी को गोदभराई का कार्यक्रम रखा जाएगा और उम्मीद है कि तब तक बाघ पकड़ा जा सकेगा।
हबीबपुर गांव: दिन में कार्यक्रम की योजना
हबीबपुर गांव के मोहित यादव का विवाह 23 जनवरी को और प्रीतिभोज 25 जनवरी को तय है। लेकिन बाघ की वजह से तनाव बना हुआ है। अब परिवार ने समारोह दिन में आयोजित करने की योजना बनाई है ताकि मेहमान सुरक्षित महसूस करें।
गुलरियन खेड़ा: धूमधाम पर संकट
गुलरियन खेड़ा के आशीष कुमार का तिलक समारोह 18 जनवरी को है। हालांकि, बाघ के पकड़े न जाने से कार्यक्रम की धूमधाम पर चिंता बनी हुई है।
खालिसपुर गांव: दिन में लौटने की सलाह
खालिसपुर गांव के मोहित कनौजिया का विवाह 19 जनवरी को है। उन्होंने सभी रिश्तेदारों को सलाह दी है कि वे समारोह में दिन में शामिल होकर सुरक्षित समय पर लौट जाएं।
बाघ की दहशत से उत्सव फीके
रहमानखेड़ा और आसपास के इलाकों में बाघ ने लोगों के उत्सव को फीका कर दिया है। लोग मांगलिक कार्यक्रमों में सुरक्षा को प्राथमिकता दे रहे हैं और समारोहों को टालने या दिन में करने का प्रयास कर रहे हैं।
स्थानीय प्रशासन और वन विभाग को बाघ की पकड़ के लिए त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए ताकि लोग सामान्य रूप से अपने वैवाहिक कार्यक्रम मना सकें।