चंद्रयान-4 और गगनयान मिशन में आएगा वी नारायणन का 41 साल का अनुभव काम
बंगलूरू |
इसरो के नए अध्यक्ष की नियुक्ति
प्रख्यात वैज्ञानिक वी नारायणन को इसरो के नए अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया है। नारायणन ने बुधवार को कहा कि वह अपने 41 वर्षों के अनुभव का इस्तेमाल इसरो को नई ऊंचाइयों पर ले जाने और भारत को अंतरिक्ष क्षेत्र में और सशक्त बनाने के लिए करेंगे। उन्होंने कहा कि आजादी के 100 वर्ष पूरे होने से पहले भारत को विकसित देश बनाने के लक्ष्य में इसरो बड़ी भूमिका निभाएगा।
महत्वाकांक्षी मिशन: चंद्रयान-4 और गगनयान
नारायणन ने कहा कि इसरो वर्तमान में चंद्रयान-4 और गगनयान जैसे महत्वाकांक्षी मिशनों पर काम कर रहा है। उन्होंने बताया कि ये मिशन भारत के अंतरिक्ष अनुसंधान को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे। साथ ही, स्पैडेक्स और अंतरिक्ष स्टेशन निर्माण जैसे प्रोजेक्ट्स भी भविष्य के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण साबित होंगे।
जी-1 रॉकेट का निर्माण
इसरो का पहला मानव रहित जी-1 रॉकेट निर्माणाधीन है। नारायणन ने कहा कि यह रॉकेट गगनयान मिशन का महत्वपूर्ण हिस्सा होगा और भारत के अंतरिक्ष अभियानों में नई शुरुआत करेगा। उन्होंने इसरो टीम के साथ मिलकर इन सभी परियोजनाओं को सफल बनाने का संकल्प लिया।
नारायणन की करियर यात्रा
नारायणन का जन्म तमिलनाडु के कन्याकुमारी जिले में हुआ था। उन्होंने सरकारी स्कूल से अपनी शिक्षा पूरी की और 1984 में इसरो से अपने करियर की शुरुआत की। अपने 41 साल के लंबे करियर में उन्होंने सॉलिड प्रोपल्शन और सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल जैसे कई प्रोजेक्ट्स में योगदान दिया। उनकी विशेषज्ञता रॉकेट और अंतरिक्ष यान प्रक्षेपण के क्षेत्र में है।
आने वाले प्रक्षेपण
नारायणन ने बताया कि इस महीने के अंत में जीएसएलवी के जरिये नौवहन उपग्रह एनवीएस-02 का प्रक्षेपण किया जाएगा। यह कार्य श्रीहरिकोटा में प्रगति पर है और इसे सफलतापूर्वक अंजाम देने के लिए टीम पूरी मेहनत कर रही है।