एचएमपी वायरस से घबराने की जरूरत नहीं: केंद्र सरकार







एचएमपी वायरस से घबराने की जरूरत नहीं: केंद्र सरकार

एचएमपी वायरस से घबराने की जरूरत नहीं, स्वच्छता का रखें खास ध्यान: केंद्र

राज्यों के साथ बैठक, संक्रमण के प्रसार पर कड़ी निगरानी

एचएमपी वायरस: कोई घबराने की जरूरत नहीं

केंद्र सरकार ने एचएमपी वायरस को लेकर जनता से घबराने की जरूरत नहीं बताई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि सर्दी-खांसी होने पर स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाए। मास्क पहनने, बार-बार हाथ धोने और खांसने या छींकने के दौरान सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।

राज्यों के साथ वर्चुअल बैठक

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने एचएमपी वायरस के प्रसार को लेकर राज्यों के साथ वर्चुअल बैठक की। उन्होंने कहा कि देश में फिलहाल सांस की बीमारियों में किसी असामान्य वृद्धि के संकेत नहीं मिले हैं। हालांकि, संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए सतर्कता बरतने की जरूरत है।

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उन्होंने अस्पतालों को इन्फ्लूएंजा (आईएलआई) और गंभीर श्वास रोगियों (एसएआरआई) की निगरानी के निर्देश दिए। प्रत्येक मरीज का पंजीयन और समय पर उपचार सुनिश्चित करने को कहा गया है।

2001 से मौजूद वायरस

स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि एचएमपीवी (ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस) 2001 से दुनिया भर में मौजूद है। सर्दियों में श्वसन संबंधी बीमारियों में वृद्धि सामान्य बात है। उन्होंने बताया कि भारत में इस वायरस के प्रसार को लेकर चिंता की कोई बात नहीं है और देश ऐसी बीमारियों के लिए पूरी तरह तैयार है।

संक्रमण की निगरानी के लिए आईडीएसपी नेटवर्क

केंद्रीय स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. अतुल गोयल ने बताया कि देश के 12 राज्यों में आईडीएसपी (इंटीग्रेटेड डिजीज सर्विलांस प्रोग्राम) नेटवर्क सक्रिय है। इसके माध्यम से हर साल इन्फ्लूएंजा और अन्य संक्रमणों की निगरानी की जाती है। अब तक किसी असामान्य वृद्धि के संकेत नहीं मिले हैं।

आईसीएमआर (भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद) भी संक्रमण के प्रसार पर लगातार नजर रखे हुए है।

नागपुर में एचएमपीवी के दो संदिग्ध

नागपुर में एचएमपी वायरस के दो संदिग्ध मामले सामने आए हैं। इनमें 7 और 14 वर्ष के बच्चे शामिल हैं। हालांकि, दोनों बच्चों की हालत ठीक है और उन्हें इलाज के बाद घर भेज दिया गया है। नमूने एम्स और राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (पुणे) भेजे गए हैं।

भारत में कमजोर स्थिति में है एचएमपीवी

आईसीएमआर की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में एचएमपीवी कमजोर स्थिति में है। इसके बजाय एच1एन1 (स्वाइन फ्लू), एच3एन2, विक्टोरिया वायरस, कोरोना, और आरएस वायरस का अधिक प्रसार देखा जा रहा है।

इन सभी वायरस के लक्षण एक जैसे हैं, जिससे अस्पतालों में मरीजों की पहचान के लिए अतिरिक्त सावधानी बरती जा रही है। आईसीएमआर ने आईएलआई-एसएआरआई सर्विलांस नेटवर्क स्थापित किया है, जिसमें सरकारी और निजी अस्पतालों के साथ प्रयोगशालाएं भी शामिल हैं।

सावधानी और जागरूकता है जरूरी

केंद्र सरकार ने जनता से अपील की है कि वह घबराए नहीं, लेकिन स्वच्छता और सावधानी बनाए रखें। सर्दी-खांसी होने पर मास्क का उपयोग करें और हाथ धोते रहें। अस्पताल में समय पर इलाज कराएं और स्वास्थ्य संबंधी दिशानिर्देशों का पालन करें।

यह रिपोर्ट भारत में श्वसन संबंधी बीमारियों की स्थिति और सरकार की तैयारियों को रेखांकित करती है। सही जानकारी और सावधानी से इन संक्रमणों से बचा जा सकता है।


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