यूपी बोर्ड: टॉपर लाने के लिए किए जा रहे प्रयास







यूपी बोर्ड: टॉपर लाने के लिए किए जा रहे प्रयास

यूपी बोर्ड: टॉपर लाने के लिए किए जा रहे प्रयास

राजकीय कॉलेजों के 10 हजार विद्यार्थियों को मिलेगा लाभ, प्री-बोर्ड परीक्षा के प्रश्नपत्रों में किया बदलाव

राजकीय कॉलेजों में प्री-बोर्ड परीक्षा

यूपी बोर्ड सत्र 2024-25 के लिए राजकीय कॉलेजों में 11 जनवरी से शुरू होने वाली प्री-बोर्ड परीक्षा में यूपी बोर्ड के पैटर्न वाले प्रश्नपत्र दिए जाएंगे। यह कदम इस बार बोर्ड परीक्षा में टॉपर लाने के उद्देश्य से उठाया गया है।

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प्री-बोर्ड प्रश्नपत्रों में पिछले तीन सालों के सवालों को शामिल किया गया है, ताकि छात्रों को परीक्षा के पैटर्न की बेहतर समझ हो और बोर्ड परीक्षा को लेकर उनका डर खत्म हो सके।

10 हजार विद्यार्थियों को होगा फायदा

राजधानी लखनऊ के 55 राजकीय कॉलेजों में पढ़ने वाले 10 हजार विद्यार्थियों को इन बदले हुए प्रश्नपत्रों का सीधा लाभ मिलेगा। राजकीय बालिका विद्यालय जियामऊ और नरही की प्रधानाचार्य डॉ. रागिनी मिश्रा के अनुसार, इस बार प्रश्नपत्रों में बदलाव से छात्रों को पुराने सवालों के जरिए अभ्यास करने का मौका मिलेगा।

प्रश्नपत्र तैयार करने की प्रक्रिया

राजधानी के सभी राजकीय कॉलेजों के प्रधानाचार्यों की निगरानी में यह प्रश्नपत्र तैयार कराए गए हैं। इन प्रश्नपत्रों में यूपी बोर्ड परीक्षा के पैटर्न को पूरी तरह से शामिल किया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य छात्रों को यह समझने में मदद करना है कि बोर्ड परीक्षा में कैसे प्रश्न पूछे जाएंगे।

परीक्षा का डर होगा खत्म

जिला विद्यालय निरीक्षक राकेश कुमार ने कहा, “हर साल छात्र यह पूछते हैं कि बोर्ड परीक्षा में कैसा पेपर आएगा। इस बार प्री-बोर्ड में यूपी बोर्ड पैटर्न पर आधारित प्रश्नपत्र मिलने से बच्चों के मन में परीक्षा का डर खत्म होगा।” छात्रों को बोर्ड परीक्षा से पहले प्रश्नपत्र का पैटर्न समझने का मौका मिलेगा, जिससे उनकी तैयारी और बेहतर होगी।

टॉपर लाने का विशेष प्रयास

पिछले वर्षों में, प्रदेश के राजकीय कॉलेजों के छात्र-छात्राएं निजी स्कूलों के मुकाबले पिछड़ते रहे हैं। इस बार जिला विद्यालय निरीक्षक की बैठक में तय किया गया है कि प्री-बोर्ड परीक्षा में बोर्ड परीक्षा की तर्ज पर प्रश्नपत्र दिए जाएंगे। इससे छात्रों को बोर्ड में बेहतर प्रदर्शन करने में मदद मिलेगी।

यूपी बोर्ड द्वारा उठाया गया यह कदम न केवल छात्रों की तैयारी को मजबूत करेगा, बल्कि परीक्षा के प्रति उनके आत्मविश्वास को भी बढ़ाएगा। उम्मीद है कि इस पहल से राज्य के राजकीय कॉलेजों के छात्रों का प्रदर्शन सुधरेगा और वे निजी स्कूलों के छात्रों से मुकाबला कर पाएंगे।


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