अपनी छवि बनाकर रखें शिक्षक, उन पर बड़ी जिम्मेदारी : राजनाथ सिंह
शिक्षकों की भूमिका पर राजनाथ सिंह का संदेश
सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि राजनाथ सिंह ने कहा, “भावी पीढ़ियों का निर्माण शिक्षकों के हाथ में है। शिक्षक केवल सूचना देने वाले नहीं, बल्कि बच्चों को शिक्षित करने वाले होने चाहिए। तकनीक के इस युग में शिक्षकों की भूमिका पहले से अधिक महत्वपूर्ण हो गई है।”
उन्होंने भगवान कृष्ण का उदाहरण देते हुए कहा कि वह अर्जुन के शिक्षक के रूप में एक मार्गदर्शक थे और अपनी भूमिका को सफलतापूर्वक निभाया।
पुरानी पेंशन सहित 15 प्रस्तावों पर मंथन
सम्मेलन के संयोजक मुकेश शर्मा ने बताया कि तीन दिवसीय सम्मेलन में शिक्षकों से संबंधित 15 प्रस्तावों पर चर्चा की जाएगी। इनमें पुरानी पेंशन बहाली, निशुल्क चिकित्सा सुविधा, समान कार्य के लिए समान वेतन, तदर्थ शिक्षकों की बहाली और विनियमितीकरण जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे शामिल हैं।
प्रमुख प्रस्ताव:
- पुरानी पेंशन बहाली।
- निशुल्क चिकित्सा सुविधा।
- समान कार्य के लिए समान वेतन।
- तदर्थ शिक्षकों का विनियमितीकरण।
- एनपीएस के रखरखाव में सुधार।
- आमेलित विषय विशेषज्ञों को पुरानी पेंशन का लाभ।
नकल अध्यादेश और शिक्षा का महत्व
राजनाथ सिंह ने अपने पुराने अनुभवों को साझा करते हुए बताया कि उन्होंने नकल अध्यादेश लाकर परीक्षा प्रणाली को सुधारने का प्रयास किया था। इसके बावजूद उन्हें चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा, “बच्चों का भविष्य नकल से खराब नहीं होना चाहिए।”
सम्मेलन का भव्य शुभारंभ
सम्मेलन का शुभारंभ केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और केंद्रीय राज्य मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इस दौरान संघ के महामंत्री नरेंद्र कुमार वर्मा ने वर्ष की रिपोर्ट प्रस्तुत की। सम्मेलन में शिक्षकों की समस्याओं और उनके समाधान पर चर्चा हुई।
सम्मेलन में मौजूद प्रमुख हस्तियां:
- सुरेश कुमार त्रिपाठी (प्रदेश अध्यक्ष)
- डॉ. दिनेश शर्मा
- मुकेश शर्मा
- अजय शर्मा
- डॉ. विशाल आनंद
रक्षा मंत्री का संदेश
राजनाथ सिंह ने कहा कि शिक्षकों की समस्याओं का समाधान मुख्यमंत्री के स्तर पर जरूर किया जाएगा। उन्होंने शिक्षकों से आग्रह किया कि वे आंदोलन के बजाय संवाद के माध्यम से अपनी मांगें रखें।