शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ाने पर हाईकोर्ट का आदेश
समिति गठन और रिपोर्ट पर कोर्ट की नजर
याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि अब तक सरकार ने समिति का गठन और मानदेय बढ़ाने के फैसले को लागू करने में कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। 2023 में दायर याचिका में समान कार्य के लिए समान वेतन के आधार पर मानदेय बढ़ाने की मांग की गई थी। कोर्ट ने उस समय सरकार को समिति गठित कर निर्णय लेने का आदेश दिया था।
उच्च स्तरीय समिति की रिपोर्ट
सरकार की ओर से स्थायी अधिवक्ता ने कोर्ट को जानकारी दी कि शिक्षा निदेशक की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया था। समिति ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है, जिसे वित्त विभाग को भेजा गया है। वित्तीय बोझ के आधार पर इस रिपोर्ट की समीक्षा की जा रही है।
अदालत का सख्त रुख
याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता सत्येंद्र चंद्र त्रिपाठी ने दलील दी कि सरकार ने अभी तक कोर्ट के आदेश का सही अनुपालन नहीं किया है। इस पर कोर्ट ने सरकार से विस्तृत जानकारी देने की मांग की और इसके लिए मोहलत दी। कोर्ट ने सरकार को 27 जनवरी तक स्थिति स्पष्ट करने का निर्देश दिया।
शिक्षामित्रों की उम्मीदें
करीब डेढ़ लाख शिक्षामित्र सरकार से मानदेय बढ़ाने की उम्मीद लगाए बैठे हैं। कोर्ट के इस आदेश के बाद उनकी उम्मीदें और बढ़ गई हैं। माना जा रहा है कि सरकार जल्द ही इस पर कोई ठोस कदम उठा सकती है।